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अरावली पहाड़ी: एनजीटी के आदेश के बारे में कानूनी सलाह लेगा वन विभाग

अरावली पहाड़ी क्षेत्र में बनाए गए फार्म हाउसों को ध्वस्त करने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी आदेश के बारे में वन विभाग कानूनी सलाह लेगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 08:20 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 06:19 AM (IST)
अरावली पहाड़ी: एनजीटी के आदेश के बारे में कानूनी सलाह लेगा वन विभाग
अरावली पहाड़ी: एनजीटी के आदेश के बारे में कानूनी सलाह लेगा वन विभाग

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : अरावली पहाड़ी क्षेत्र में बनाए गए फार्म हाउसों को ध्वस्त करने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी आदेश के बारे में वन विभाग कानूनी सलाह लेगा। इसके बाद सर्वे शुरू किया जाएगा। इस बारे में जिला वन अधिकारी जय कुमार ने सोमवार शाम अधीनस्थ अधिकारियों के साथ अपने कार्यालय में बैठक की। बैठक में सभी बिदुओं के ऊपर चर्चा की गई।

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पिछले सप्ताह नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आदेश जारी कर कहा है कि वन क्षेत्र में बनाए गए सभी फार्म हाउस को ध्वस्त किया जाए। आदेशानुसार वन विभाग ने फार्म हाउसों के बारे में जानकारी हासिल करनी शुरू कर दी है। विधिवत सर्वे शुरू करने से पहले विभाग कानूनी सलाह लेगा क्योंकि सर्वे के साथ-साथ फार्म हाउसों के मालिकों को नोटिस जारी किया जा सके। नोटिस जारी करने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। फार्म हाउसों के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के लिए विभाग राजस्व विभाग से रिकॉर्ड मांगेगा। उससे न केवल किला नंबर तक का पता चल जाएगा बल्कि किसके नाम रजिस्ट्री है, यह भी पता चल जाएगा। सर्वे से लपेटे में आएंगे अधिकारी

सर्वे से ही साफ होगा किस वन अधिकारी के कार्यकाल में कितने फार्म हाउस बने। उस दौरान उन्होंने क्या कार्रवाई की थी। बता दें कि अरावली पहाड़ी क्षेत्र में 1990 से ही फार्म हाउस विकसित होने शुरू हो गए थे। वर्ष 2000 के बाद फार्म हाउस बनाने की आंधी चली जो पिछले वर्ष तक जारी रही।


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