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उद्योगों के लिए मील का पत्थर साबित होगा विदेश सहकारिता विभाग

प्रदेश सरकार ने फॉरेन कोऑपरेशन नाम से एक नए विभाग का सृजन किया है। उद्योग जगत ने सरकार के इस कदम की सराहना की है। उनका कहना है कि यह दूरदर्शी कदम औद्योगिक विकास एवं निवेश के मामले में मील का पत्थर साबित होगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 04:08 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 04:18 PM (IST)
उद्योगों के लिए मील का पत्थर साबित होगा विदेश सहकारिता विभाग

यशलोक सिंह, गुरुग्राम

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प्रदेश सरकार ने 'विदेश सहकारिता' नाम से एक नए विभाग का सृजन किया है। उद्योग जगत ने सरकार के इस कदम की सराहना की है। उनका कहना है कि यह दूरदर्शी कदम औद्योगिक विकास एवं निवेश के मामले में मील का पत्थर साबित होगा। इस प्रकार के विभाग की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। राज्य बजट से पहले उद्यमी इसे अपने लिए एक बड़ा तोहफा मान रहे हैं। उनका कहना है कि इस प्रकार के विभाग के अभाव में उद्यमियों को विदेश में अपना कारोबारी नेटवर्क स्थापित करने में परेशानी होती है। जब यह विभाग अपना काम पूरी तरह से शुरू कर देगा तो उनकी मुश्किल खत्म हो जाएगी।

गुरुग्राम के उद्यमियों का कहना है कि इस विभाग का दायरा बहुत बड़ा है। इससे जहां औद्योगिक विकास एवं विस्तार को बल मिलेगा वहीं विदेशी निवेश को आकर्षित करने की दिशा में यह काफी फायदेमंद होगा। इसके जरिए देश विशेष के हिसाब से कारोबारी रणनीति को तैयार करने में मदद मिलेगी। गुड़गांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के महासचिव एसके आहूजा का कहना है कि यदि हरियाणा का कोई उद्यमी किसी देश में निवेश करने का इच्छुक होगा तो वहां उसे इस विभाग के माध्यम से मदद की जाएगी। यह विभाग विभिन्न देश में स्थिति भारतीय दूतावासों व भारत में स्थित विदेशी दूतावासों के संपर्क में रहेगा। जिसका लाभ यह होगा कि हर क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ेगा।

सिर्फ उद्योग, कारोबार और निवेश के क्षेत्र में ही नहीं इस विभाग का लाभ शिक्षा, कौशल विकास और हरियाणवी संस्कृति को विदेश तक फैलाने में भी मदद मिलेगी। द्विपक्षीय संबंध को बेहतर बनाने में भी इसका लाभ मिलेगा। विदेश मंत्रालय के साथ यह विभाग बेहतर तालमेल रखते हुए राज्य के निर्यातकों के लिए विदेश में नए-नए बाजार को खोजने का कार्य करेगा। वैश्विक मार्केटिग को भी बल मिलेगा।

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विदेश सहकारिता विभाग की स्थापना का जो निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया है वह अत्यंत सराहनीय है। इससे औद्योगिक निर्यात, विदेशी निवेश और विदेश के बाजारों में राज्य के उद्यमियों एवं कारोबारियों के लिए नए-नए अवसरों के सृजन में मदद मिलेगी। नई टेक्नोलॉजी के आदान-प्रदान को भी इससे बल मिलेगा। कौशल विभाग को भी बढ़ावा मिलेगा।

विकास जैन, अध्यक्ष, गुड़गांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री


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