निगम से बर्खास्त कर्मचारी सड़कों पर उतरे
नगर निगम से बर्खास्त किए गए कर्मचारियों ने नगर पालिका कर्मचारी संघ के बैनर तले मंगलवार को शहर की सड़कों पर प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: नगर निगम से बर्खास्त किए गए कर्मचारियों ने नगर पालिका कर्मचारी संघ के बैनर तले मंगलवार को शहर की सड़कों पर प्रदर्शन किया। आउटसोर्स पर नियुक्त 523 से ज्यादा कर्मचारियों को हटाने के विरोध में कर्मचारी संगठनों में रोष है।
कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेशभर में हजारों कर्मचारियों को सरकारी विभागों से हटाया गया है। अगर उनको वापस नियुक्ति नहीं दी गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। बुधवार को नगर निगम के सेक्टर 34 कार्यालय में भी बर्खास्त किए गए कर्मचारी प्रदर्शन कर नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपेंगे।
बर्खास्त किए गए कर्मचारी नगर पालिका कर्मचारी संघ के नेतृत्व में सुबह नगर निगम के पुराने कार्यालय में एकत्रित हुए और धरने के बाद नारेबाजी करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे। यहां पर उपायुक्त अमित खत्री को ज्ञापन सौंपा।
नगर पालिका कर्मचारी संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राम सिंह सारसर व प्रदेश सचिव नरेश मलकट ने कहा कि प्रदेश में पहले ही बेरोजगारी बढ़ी हुई है। कर्मचारियों को नौकरी से निकालकर उनके साथ अन्याय किया गया है। कर्मचारी पिछले कई सालों से नगर निगम में नियुक्त थे। ऐसे में अब ये कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं और आजीविका का कोई साधन नहीं है। सरकार और नगर निगम अधिकारियों से मांग है कि कर्मचारियों को दोबारा नियुक्ति दी जाए। प्रदर्शन के दौरान सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश नोहरा, जिला प्रधान उमेश खटाना और नगर पालिका कर्मचारी संघ के जिला प्रधान राजेश कुमार सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। पहली बार बड़े पैमाने पर हुई छंटनी
बर्खास्त किए गए सभी कर्मचारी नगर निगम की विभिन्न शाखाओं में आउटसोर्स पालिसी के जरिए नियुक्त किए गए थे और इनमें कई तो काफी सालों से कार्यरत थे। निगम अधिकारियों का तर्क है कि मैनपावर ज्यादा होने के कारण अब इन कर्मचारियों की जरूरत नहीं है। ये सभी कर्मचारी निगम में गार्ड (सुरक्षाकर्मी), कंप्यूटर क्लर्क, चपरासी, पंप ऑपरेटर, माली सहित अन्य पदों पर तैनात थे। एक साथ इतनी संख्या में पहली बार नगर निगम में छंटनी की गई है।