किताबों की पीडीएफ डाउनलोग कर पढ़ सकेंगे विद्यार्थी
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अक्सर किताबें समय पर न मिल पाने से परेशानी उठानी पड़ती है। कोरोना काल में इस बार स्थितियां सामान्य नहीं हैं ऐसे में समस्या और गहरी हो सकती है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अक्सर किताबें समय पर न मिल पाने से परेशानी उठानी पड़ती है। कोरोना काल में इस बार स्थितियां सामान्य नहीं हैं ऐसे में समस्या और गहरी हो सकती है। इस समस्या के समाधान के तौर पर अब पहली कक्षा से बारहवीं कक्षा तक की पुस्तकों को विद्यार्थी आनलाइन पढ़ सकेंगे। इसके लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने अपनी वेबसाइट पर पुस्तकों की पीडीएफ अपलोड कर दी है। विद्यार्थी यहां से अपनी पुस्तकें डाउनलोड कर सकते हैं।
ऐसे में नए शैक्षणिक सत्र में जब तक छात्रों को पुस्तकें नहीं मिल पाती हैं तो वह एससीईआरटी की वेबसाइट से इन ई-बुक्स की पीडीएफ की फाइलों को डाउनलोड करके पढ़ाई कर सकते हैं। इसके लिए शिक्षक भी सक्रियता से काम कर रहे हैं। जिन विद्यार्थियों के पास संसाधन नहीं हैं उन्हें वे इन ई-बुक्स की पीडीएफ को डाउनलोड करके वाट्सएप ग्रुपों में शेयर कर रहे हैं। शिक्षकों के मुताबिक इस तरह से वाट्सएप पर शेयरिग से पढ़ाई भी सही तरीके से हो सकेगी।एससीईआरटी के विषय विशेषज्ञ मनोज कौशिक के मुताबिक सभी कक्षाओं का ई बुक कंटेंट मुहैया करवाया जा रहा है। उनके मुताबिक शिक्षकों को योगदान इसे प्रभावी बनाएगा, वे इस कंटेंट को विद्यार्थियों तक पहुंचाने में मदद कर रहे हैं।
अध्यापक संघ ने की अविलंब पुस्तकें उपलब्ध कराने की मांग
वि., गुरुग्राम: हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की आनलाइन बैठक हुई। इस दौरान संघ ने कक्षा एक से आठ तक की पुस्तकों के लिए 200 से 300 रुपये सीधे विद्यार्थियों के खाते में भेजे जाने के शिक्षा मंत्री कंवर पाल के बयान की निदा की। संघ की मांग है कि कक्षा एक से 12 तक सभी विद्यार्थियों को अविलंब निशुल्क पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाएं क्योंकि काफी संख्या में ऐसे विद्यार्थी हैं जिनका बैंक खाता अपडेट नहीं है। ऐसे में वह सरकार की इस पहल का लाभ नहीं ले पाएंगे।
जिला प्रधान सुभाष यादव ने कहा कि सरकार ने पुस्तकें प्रकाशन करने के आदेश जारी नहीं किए हैं ऐसे में विद्यार्थी बाजार में पुस्तकें कहां से मिलेंगी। शिक्षा अधिकार अधिनियम के लागू होने के बाद से बाजार में कक्षा एक से आठ की पुस्तक नहीं मिलती। इसके अलावा हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा ली गई परीक्षा फीस वापस विद्यार्थियों को दी जाए। क्योंकि कक्षा दस व बारह की परीक्षाएं नहीं हुई हैं।
संघ मांग करता है कि सरकार 15 दिन के अंदर पुस्तकें स्कूलों को उपलब्ध करवाएं ताकि महामारी के दौर में विद्यार्थियों को पुस्तकों के लिए भटकना न पड़े। यदि किन्ही कारणों से पुस्तकें नहीं भेजी गई तो कक्षावार पुस्तकों की लागत मूल्य के बराबर राशि स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) के बैंक खाते में भेजी जाए।