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डीएलएफ-1, 2 के निवासी बाट जोह रहे क्लब के निर्माण की

डीएलएफ फेज-1 व 2 के निवासी पिछले 3 दशकों से क्लब के निर्माण का इंतजार कर रहे हैं। हर बार इस मुद्दे को स्थानीय निवासी चुनाव के दौरान नेताओं के समक्ष भी रखते हैं लेकिन उनको केवल आश्वासन ही मिलता है। इस मुद्दे पर अमल के लिए जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं किया जाता। गौरतलब है कि डीएलएफ कंपनी ने 19

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 06:17 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 06:17 PM (IST)
डीएलएफ-1, 2 के निवासी बाट जोह रहे क्लब के निर्माण की

गौरव सिगला, नया गुरुग्राम

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डीएलएफ फेज-1 व 2 के निवासी पिछले तीन दशकों से क्लब के निर्माण का इंतजार कर रहे हैं। हर बार इस मुद्दे को स्थानीय निवासी चुनाव के दौरान नेताओं के समक्ष भी रखते हैं लेकिन उनको केवल आश्वासन ही मिलता है। इस मुद्दे पर अमल के लिए जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं किया जाता।

गौरतलब है कि डीएलएफ कंपनी ने 1981 से 1990 के दशक के बीच लगभग 1600 एकड़ में डीएलएफ फेज-1 से 4 कॉलोनी को विकसित किया था। डीएलएफ फेज-1 में बिल्डर की तरफ से ब्रिस्टल चौक के नजदीक क्लब का निर्माण भी किया गया लेकिन 2006 में क्लब को डिमॉलिश कर दिया गया। साइट पर फिर से क्लब का निर्माण नहीं हुआ। डीएलएफ फेज-2 में तो कंपनी की तरफ से क्लब का निर्माण ही नहीं किया गया। इस साइट पर डीएलएफ प्रबंधन की तरफ से केवल बिल्डिग का स्ट्रक्चर खड़ा कर ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट हासिल कर लिया गया ताकि बिल्डिग वापस हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के पास नहीं चली जाए।

बता दें कि हरियाणा अर्बन डेवलेपमेंट एक्ट 1975 के हिसाब यदि कोई भी कम्यूनिटी साइट का बिल्डर निर्माण नहीं करता तो वह वापिस एचएसवीपी विभाग को चली जाती है। आज इन साइटों की कीमत करोड़ों रुपये हैं। ऐसे में महज साइट को अपने पजेशन में रखने के लिए बिल्डर ढांचा कर साइटों का ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट हासिल कर लेते हैं।

2006 के बाद से आज तक क्लब का निर्माण नहीं किया गया। इसके लिए हमने इंटरनल डेवलेपमेंट शुल्क (आईडीसी) की भी अदायगी की है लेकिन फिर भी हमें कम्यूनिटी सुविधाओं का लाभ नहीं मिला रहा। उम्मीदवारों से मेरा यही सवाल होगा कब दूर होगी पीड़ा।

- राहुल चंदोला, डीएलएफ-1 निवासी क्लब की सुविधाओं के लिए हमे दूसरी कालोनियों के क्लब में जाना पड़ता है जो कि मंहगा भी पड़ता है और कई बार अन्य क्लब मेंबरशिप भी नहीं देते।

- सुनील गोस्वामी, डीएलएफ-1 निवासी

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नेता आते हैं और वोट लेकर चले जाते हैं। इसके बाद 5 साल तक कॉलोनी के मुद्दे को लेकर कोई गंभीरता से काम नहीं करता। क्लब के निर्माण की समस्या दशकों पुरानी है लेकिन कोई नेता इस पर ध्यान नहीं देता।

- दीपक गुप्ता, डीएलएफ-2 निवासी हमारे इलाके में आज तक क्लब के निर्माण को लेकर कालोनाइजर ने कोई चर्चा तक नहीं की है। सभी शुल्क की अदायगी करने के बाद भी लोग क्लब की सुविधाओं से महरूम है।

- प्रदीप बाली, निवासी डीएलएफ-2


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