परिणय सूत्र में बंधे कई जोड़े, शहर के हर कोने में मंगल गान
देवोत्थान एकादशी के शुभ दिन के अबूझ साये ने पूरे शहर को उत्सवी बना दिया। जोड़े परिणय सूत्र में बंधे और परिचितों, परिजनों ने नाच गाकर खुशियां मनाई। शहर उन सड़कों पर जहां बैंड, बाजा, बारात की धूम रही तो उत्सव गार्डन के आस-पास की सड़कों पर जाम भी लगा। हालांकि बड़े उत्सव स्थलों पर पार्किंग की व्यवस्था परिसर के भीतर ही थी। बावजूद इसके पालम विहार रोड, शीतला माता रोड और ओल्ड दिल्ली रोड पर ट्रैफिक का दबाव ज्यादा रहा। इनको जोड़ने वाली सड़कों पर भी आवाजाही आसान नहीं रही। हालांकि ट्रैफिक पुलिस ने इन सड़कों को जाम से बचाने के लिए विशेष व्यवस्था की थी।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: देवोत्थान एकादशी के शुभ दिन के अबूझ साये ने पूरे शहर को उत्सवी बना दिया। सैकड़ों जोड़े परिणय सूत्र में बंधे और परिचितों, परिजनों ने नाच गाकर खुशियां मनाई। सड़कों पर जहां बैंड, बाजा, बारात के साथ उत्सव गार्डन के आस-पास की सड़कों पर भी जाम लगा। हालांकि बड़े उत्सव स्थलों पर पार्किंग की व्यवस्था परिसर के भीतर ही थी। बावजूद इसके पालम विहार रोड, शीतला माता रोड और ओल्ड दिल्ली रोड पर ट्रैफिक का दबाव ज्यादा रहा। इनको जोड़ने वाली सड़कों पर भी आवाजाही आसान नहीं रही।
हालांकि ट्रैफिक पुलिस ने इन सड़कों को जाम से बचाने के लिए विशेष व्यवस्था की थी। शादी में जाने से पहले बहुत सारे दुल्हे माता शीतला के मंदिर में आशीर्वाद लेने पहुंचे। शीतला माता रोड स्थित विवाह स्थलों पर पूरी रौनक थी। रंगीन बल्बों और फूलों से सजे उत्सव स्थलों पर शहनाइयों की धुन जैसे जीवन भर का साथ निभाने वाले जोड़ों को आशीवर्चन दे रही थी।
दिल्ली रोड पर एक लगातार कई उत्सव गार्डन अलग-अलग थीम में खूबसूरती से सजे थे, जहां सजे धजे लोग उत्सवी में शामिल होने पहुंच रहे थे। बड़े ब्यूटी पार्लरों में सामान्य लोगों की एंट्री नहीं थी। दूल्हा- दुल्हन और परिजनों की साज-सज्जा चल रही थी। दिल्ली रोड में शादियों के मौसम में पूरी रात रौनक रहती है। पालम विहार रोड पर दिन में भी जाम के हालात थे। यहां सड़क संकरी है और विवाह स्थल कई हैं।
ओल्ड दिल्ली रोड पर चौड़ी सड़क के कारण उतनी अव्यवस्था नहीं थी। सेक्टरों के सामुदायिक भवन, छोटे-छोटे हॉल भी बुक थे और सजावट और संगीत के बीच विवाह की हलचल थी। शहर में लगभग सभी विवाह स्थल जोड़ों के परिणय सूत्र के साक्षी बने। सड़कें बारातियों के नृत्य से सजीली हो रही थीं।