मुख्यमंत्री से टेंडर की जांच करवाने की मांग
नगर निगम के ठेकेदारों ने मुख्यमंत्री से गुरुग्राम नगर निगम की बागवानी शाखा में लगाए गए एक टेंडर की जांच करवाने की मांग की है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: नगर निगम के ठेकेदारों ने मुख्यमंत्री से गुरुग्राम नगर निगम की बागवानी शाखा में लगाए गए एक टेंडर की जांच करवाने की मांग की है। एमसीजी कांट्रेक्टर वेलफेयर एसोसिएशन से संबंधित ठेकेदारों ने शुक्रवार को ओल्ड ज्यूडिशियल कांप्लेक्स स्थित एक होटल में बैठक करने के बाद पत्रकारवार्ता भी की। एसोसिएशन के प्रधान अनिल दहिया ने आरोप लगाया कि टेंडर में ऐसी शर्तें लगाई गई हैं, जिससे एक कंपनी को छोड़कर अन्य कोई ठेकेदार इसमें हिस्सा न ले सके। मिलीभगत कर टेंडर में 305 नॉन शेड़्यूल आइटम डाले गए हैं, जिनके रेट मार्केट से बहुत ज्यादा हैं। अनिल दहिया का कहना है कि मार्केट रेट से ज्यादा रेट पर टेंडर देने से नगर निगम को भी काफी नुकसान होगा। ठेकेदारों द्वारा इस टेंडर में हिस्सा नहीं ले पाने के कारण निगम के करीब 250 ठेकेदार बेरोजगारी के कगार पर आ गए हैं। एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि पीएसयू (पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिग) टेंडर की आड़ में निगम अधिकारी भी गड़बड़ी कर रहे हैं। एसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री और शहरी स्थानीय निकाय मंत्री से इस टेंडर की जांच करवाने की मांग की गई है। बता दें कि इस टेंडर के विरोध में ठेकेदारों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर कर रखी है, जिसमें नगर निगम अधिकारियों को कोर्ट की ओर से नोटिस भी भेजा गया था। इस केस में आगामी सुनवाई 17 मार्च को होगी।
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यह है मामला
बागवानी शाखा में लगाए गए टेंडर के मुताबिक पीएसयू कंपनी ही इसमें हिस्सा ले सकती है। इस शाखा में सभी तरह के कार्य पीएसयू कंपनी से करवाए जाएंगे। निगम अधिकारियों का तर्क है कि एक कंपनी द्वारा काम करने से सभी कार्य बेहतर तरीके से करवाए जा सकेंगे। लेकिन ठेकेदार इस टेंडर का विरोध कर रहे हैं।