एक माह बढ़ाई बिजली बिल के भुगतान की तारीख
कोरोना वायरस जनित महामारी को ध्यान में दखते हुए उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) एवं दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन)ने अपने बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने का प्रयास किया है। सभी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं के बिजली बिलों की अदायगी की अंतिम तिथि बगैर सरचार्ज के एक माह तक बढ़ा दी गई है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यूएचबीवीएन) एवं दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) ने अपने उपभोक्ताओं को राहत देते हुए बिजली बिलों की अदायगी की अंतिम तारीख बिना सरचार्ज के एक माह तक बढ़ा दी है। इसके अलावा एचटी, एलटी (गैर घरेलू) व औद्योगिक श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं के फिक्स चार्ज को माफ करने की भी घोषणा की है। इसे लेकर बिजली निगमों ने एक सर्कुलर जारी किया है।
जिला प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई है कि जारी सर्कुलर के अनुसार बिजली उपभोक्ताओं को 25 मार्च से 14 अप्रैल तक के बिजली बिल की अदायगी की तारीख बिना किसी सरचार्ज या ब्याज के एक महीने बढ़ा दी गई है। उदाहरण के लिए अगर किसी उपभोक्ता के बिल की अदायगी की अंतिम तिथि 25 मार्च थी तो उसे 25 अप्रैल मान लिया गया है। यदि किसी उपभोक्ता के बिल की अदायगी तिथि 14 अप्रैल है तो उसे 14 मई मान लिया जाएगा। यह निर्णय सभी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए मान्य होगा।
एचटी, एलटी (गैर घरेलू) और औद्योगिक श्रेणी के बिजली उपभोक्ता, जिनके बिजली का लोड 20 किलोवाट या इससे अधिक है उनके मार्च और अप्रैल का फिक्स चार्ज माफ कर दिया गया है। लेकिन फिक्स चार्ज माफ करने की अधिकतम सीमा 10 हजार रुपये प्रति माह रखी गई है। हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (एचईआरसी) ने इस संबंध में डिस्कॉम को निर्देश दिए हैं। बिजली निगमों ने सर्कुलर जारी कर यह निर्णय तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया है। एचईआरसी के चेयरमैन दीपेंद्र सिंह ढेसी ने इसकी पुष्टि की है।
उद्योग जगत को रास नहीं आ रही यह राहत
उद्यमियों का कहना है कि यदि संकट की इस घड़ी में प्रदेश सरकार इंडस्ट्री को राहत देना चाहती है तो उसे कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए। शर्तों के साथ राहत देने से कोई खास फायदा उद्यमियों को नहीं मिलने वाला है। हरियाणा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के चेयरमैन किशन कपूर का कहना है कि फिक्स चार्ज माफी की अधिकतम सीमा 10 हजार ही रखी गई है। इससे उद्योगों को कोई खास राहत नहीं मिलेगी। सरकार को चाहिए कि कम से कम तीन माह के फिक्स चार्ज सहित बिजली के पूरे बिल को सरकार अपने स्तर पर वहन करे।