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क्राइम फाइल: आदित्य राज

कई बार अति उत्साह की वजह से व्यक्ति को शर्मिंदा भी होना पड़ता है। इसलिए कहा जाता है कि जोश के साथ होश का होना जरूरी है। दोनों के बीच सामंजस्य से ही बेहतर परिणाम सामने आ सकता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 04:11 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 06:30 PM (IST)
क्राइम फाइल: आदित्य राज

अति उत्साह से शर्मिंदगी

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कई बार अति उत्साह की वजह से व्यक्ति को शर्मिंदा भी होना पड़ता है। इसलिए कहा जाता है कि जोश के साथ होश का होना जरूरी है। दोनों के बीच सामंजस्य से ही बेहतर परिणाम सामने आ सकता है। दरअसल कुछ दिनों से पुराने वाहनों के खिलाफ गुरुग्राम पुलिस ने अभियान चला रखा है। किसी भी वाहन को रोकने से पहले नंबर प्लेट देखना चाहिए। इससे पता चल जाता है कि वाहन कितना पुराना है। अति उत्साह में कई बार पुलिसकर्मी नंबर प्लेट नहीं देखते हैं। वे गाड़ी की हालत देखकर चालक को रोकने का इशारा करते हैं। दो दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) का एक वाहन राजीव चौक के नजदीक से गुजर रहा था। चौक के नजदीक खड़े पुलिसकर्मियों ने वाहन चालक को रुकने का इशारा किया। इसी बीच पुलिसकर्मियों की वाहन के अंदर बैठे एक कमांडो पर नजर पड़ी। फिर मुस्कुराते हुए जाने का इशारा कर दिया। मजबूत ताला लगवाओ

साइबर सिटी में चोरों ने आतंक मचा रखा है। कई थाना पुलिस चोरों पर काबू पाने में पूरी तरह नाकाम दिख रही है। इससे उनकी किरकिरी होने लगी है। इससे बचने के लिए कुछ पुलिसकर्मी पीड़ित को ही चोरी के लिए जिम्मेदार ठहराने लगे हैं। चार दिन पहले सेक्टर-52 इलाके के एक डेंटल क्लीनिक में चोरी की वारदात हुई थी। इस पर पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद एक पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचा और उपदेश देने लगा। कहा न टूटने वाला मोटा ताला लगवाओ। पीड़ित ने लिखित शिकायत देने की बात की तो पुलिसकर्मी ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं। आगे कहा कि आप मोटा ताला लगवाओ, मैं पीसीआर गश्त बढ़वा देता हूं। अगले ही दिन फिर चोरी हो गई। पीड़ित ने फिर पीसीआर को फोन किया तो पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और उन्हें ही गलत बताकर बिना रिपोर्ट लिए चले गए। बाद में मामला दर्ज किया गया। वारदात कहीं, सनसनी कहीं

कुछ समय से शहर के किसी इलाके में वारदात होती है और लोगों का ध्यान सीधे राजेंद्रा पार्क थाना इलाके में चला जाता है। तीन दिन पहले डीएलएफ इलाके के एक मकान में रिवाल्वर से अचानक गोली चल गई थी। सूचना शहर में फैलते ही लोगों ने चर्चा शुरू कर दी कि राजेंद्रा पार्क इलाके में ही गोली चली होगी। दरअसल, पिछले कुछ समय के दौरान राजेंद्रा पार्क इलाके में कई वारदात हो चुकी है। एक महीने पहले पूर्व फौजी राव राय सिंह ने अपनी पुत्रवधू सहित किराये पर रह रहे एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी थी। इसके कुछ दिन ही बाद एटीएम चोरों ने वारदात को अंजाम दिया था। फिर एसजीटी यूनिवर्सिटी में एक छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस बीच एक नाबालिग के ऊपर कातिलाना हमला किया गया। इस वजह से वारदात कहीं होती है और सनसनी कहीं फैलती है।

दिखाई खाकी खनक

पिछले सप्ताह सिविल लाइंस इलाके में मोर चौक से एक कार चालक ट्रैफिक लाइट की परवाह किए बिना ही निकलना चाहता था। कार में चालक सहित दो युवक बैठे थे। देखने के साथ ही उनकी अकड़ से ऐसा लग रहा था जैसे उनकी ऊंची पहुंच होगी। खासकर राजनीतिक पहुंच वाली अकड़ दिखाई दे रही थी। कार को आगे बढ़ता देख एक ट्रैफिक पुलिस सामने आ गया। कार चालक अंदर ही बैठा कुछ बोलता रहा लेकिन पुलिसकर्मी अपनी जगह से टस से मस नहीं हुआ। पुलिसकर्मी ने कहा, गाड़ी पीछे करो। अंतत: चालक ने कार पीछे कर ली। यही नहीं जाने के दौरान कार का शीशा नीचे करके पुलिसकर्मी को सलाम साहब कहता गया। वहीं मौजूद पटेल नगर निवासी जयराम के मुख से निकला, ईमानदारी से काम करने पर ही खाकी का डर पैदा होगा। आम हो या खास, खाकी के लिए सभी बराबर होने चाहिए। तभी व्यवस्था पटरी पर आएगी।


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