अरावली पर अतिक्रमण, रिहायशी इलाकों में पहुंच रहे हैं वन्य जीव
दिल्ली-एनसीआर के लिए जीवनरेखा माने जानी वाली अरावली की पहाड़ियों में लगातार हो रहे अतिक्रमण की वजह से वन्यजीव अरावली से जुड़े गांवों में पहुंच रहे हैं। कई लुप्त भी हो रहे हैं। वन्य जीव विभाग सभी प्रयास भी बेमानी साबित हो रहे है। वन्य जीवों के जीवन पर छाया खतरा पर्यावरण के लिए भी संकट माना जा रहा है।
महावीर यादव, बादशाहपुर (गुरुग्राम)
दिल्ली-एनसीआर के लिए जीवनदायिनी मानी जाने वाली अरावली की पहाड़ियों में लगातार हो रहे अतिक्रमण की वजह से वन्यजीव अरावली से जुड़े गांवों में पहुंच रहे हैं। कई वन्यजीव खत्म भी हो रहे हैं। वन्य जीव विभाग के सभी प्रयास भी बेमानी साबित हो रहे है। वन्य जीवों के जीवन पर छाया खतरा पर्यावरण के लिए भी संकट माना जा रहा है।
हरियाणा, राजस्थान व दिल्ली के अधिकतर इलाकों में अरावली पर्वत की श्रृंखला फैली हुई है। हरियाणा के गुरुग्राम, नूंह, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ व भिवानी जिलों में ये पर्वतमाला फैली हुई है। कभी हरियाली का पर्याय मानी जाने वाली अरावली की पहाड़िया अब हरियाली हरित नजर आने लगी है। पहाड़ी का हिस्सा जिन गावों की सीमा में लगता है, वहां कुछ गांवों में ये निजी मलकियत है तो कई गांवों में पंचायत इस जमीन की मालिक है। जहां निजी मलकियत है, वहां लोगों ने अपने हिस्से कुछ धनकुबेरों को बेच दिए, जिन्होंने फार्म हाउस बना लिए है।
अरावली की हरियाली को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में अरावली में खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था। उसके बाद भी चोरी-छिपे इसमें लगातार खनन हो रहा है। निजी मलकियत खरीदने वाले लोग भी फार्म हाउस विकसित करने के नाम पर जमकर खनन कर रहे हैं।
अरावली में नीलगाय, तेंदुआ, गीदड़, लोमड़ी आदि के अलावा काफी संख्या में वन्यजीव रहते है। नीलगाय पहाड़ों में उतरकर नीचे मैदान में आकर किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा रही है। कई बार तेंदुआ भी मैदानी इलाकों में आ जाने से लोगों में दहशत का माहौल बन जाता है। कई तेंदुआ तो मैदानी इलाकों में आने के बाद लोगों के हाथों मारे जा चुके हैं।
काफी संख्या में इन पहाड़ियों में रहने वाले अजगर अब मैदानी इलाकों में आ गए है। दो महीने पहले शीतला कालोनी में एक अजगर पकड़ा गया था। कुछ दिन पहले कादरपुर के सीआरपीएफ केंद्र में अजगर पकड़ा गया। सेक्टर 55-56 के रोड पास भी दो अजगर पकडे़ गए। चार दिन पहले मानेसर स्थित पार्क में बड़ा अजगर पाया गया था। वन्यजीवों के रहने के स्थान पर लोगों ने अपने आशियाने बना लिए हैं। अरावली की पहाड़ियों में जगह-जगह फार्म हाउस बन गए। पूरी हरी-भरी पहाड़ियां अतिक्रमण का शिकार हो गई है। ऐसे में वन्यजीवों का मैदानी इलाकों में पलायन करना मजबूरी सी हो गई है।
- अनिल गंडास, वन्य जीव प्रेमी वन्यजीवों के संरक्षण के लिए पूरा ध्यान रखा जा रहा है। अरावली में वन्यजीवों को पूरी तरह सुरक्षित रखा जाए। इसके लिए लोगों को भी जागरुक किया जाता रहता है। वन्यजीवों के लिए पहाड़ में पीने के पानी की भी व्यवस्था कराई जाती है।
- श्यामसुंदर, मंडलीय वन्य जीव अधिकारी