स्टार्टअप्स के लिए कठिन समय लाई है महामारी
वैश्विक महामारी कोविड-19 ने हर क्षेत्र की वृद्धि एवं विकास को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। भला ऐसे में स्टार्टअप्स का क्षेत्र कैसे अछूता रह सकता है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: वैश्विक महामारी कोविड-19 ने हर क्षेत्र की वृद्धि एवं विकास को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। भला ऐसे में स्टार्टअप्स का क्षेत्र कैसे अछूता रह सकता है। इस क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि उनके लिए वर्तमान समय बड़ा ही चुनौतीपूर्ण है। वर्ष 2020 में पिछले दो-तीन साल की अपेक्षा स्टार्टअप्स के उभार में काफी कमी आई है। जो अभी सक्रिय हैं उनके लिए फिलहाल अपने अस्तित्व को बचाना कठिन हो रहा है।
कोविड-19 महामारी का स्टार्टअप्स पर क्या प्रभाव पड़ रहा है, इसका आकलन करने को लेकर नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (नेस्कॉम) ने एक सर्वे किया था। इस सर्वे रिपोर्ट के अनुसार महामारी के कारण लगभग 40 प्रतिशत स्टार्टअप अस्थाई रूप से या पूरी तरह से बंद होने की कगार पर हैं। गुरुग्राम स्थित सिविलकॉप्स स्टार्टअप के सह-संस्थापक आशीष शर्मा का कहना है कि निश्चित रूप से यह समय स्टार्टअप के लिए चुनौतियों से भरा हुआ है। सबसे बड़ी समस्या फंडिग की है। सरकार के प्रयास के बावजूद स्टार्टअप्स को बैंकों से ऋण मिलने में दिक्कत आ रही है।
उद्योग विहार स्थित हारट्रोन मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने को लेकर प्रदेश सरकार एवं नेस्कॉम द्वारा संयुक्त प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण छह से सात स्टार्टअप्स की टीम ही अभी यहां अपना काम कर रही हैं। अन्य स्टार्टअप्स से संबंधित टीम घरों से ही (वर्क फ्रॉम होम) कर रही हैं। इस क्षेत्र से जुड़े रचित बनर्जी का कहना है कि कोरोना काल में नए स्टार्टअप न के बराबर ही आए हैं। जिन नवउद्यमियों ने इसे लेकर अपनी योजना बनाई थी, अब वह बेहतर समय का इंतजार कर रहे हैं। इनका कहना कि गुरुग्राम में स्टार्टअप्स को लेकर बेहतर माहौल है। फिलहाल इस पर कोरोना का ब्रेक लग गया है।