डीएलएफ इलाके के अस्पतालों को नहीं मिल रही पर्याप्त आक्सीजन
डीएलएफ इलाके के कुछ छोटे अस्पताल जो कि नर्सिंग होम की तरह काम कर रहे है और कोरोना मरीजों को बेड देकर उनके इलाज का प्रयास कर रहे है लेकिन समय पर आक्सीजन न मिलने से अब उन्होंने भी अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड देने से इनकार करना शुरू कर दिया है।
संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम: डीएलएफ इलाके के कुछ छोटे अस्पताल जो कि नर्सिंग होम की तरह काम कर रहे है और कोरोना मरीजों को बेड देकर उनके इलाज का प्रयास कर रहे है लेकिन समय पर आक्सीजन न मिलने से अब उन्होंने भी अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड देने से इनकार करना शुरू कर दिया है। अस्पतालों के प्रबंधन की मानें तो घंटों लाइन में लगने के बाद 4-6 सिलेंडर मिल रहे है जो कि नाकाफी हैं और कुछ ही देर में खत्म हो जाते हैं।
बता दें कि डीएलएफ फेज एक अर्जुन मार्ग स्थित सत्यम अस्पताल, डीएलएफ फेज दो दक्षिण मार्ग स्थित उमा संजीवनी व सुशांत लोक एक स्थित उमकल अस्पताल में 50 से अधिक बेड की व्यवस्था है लेकिन भर्ती हुए मरीजों के लिए भी पर्याप्त आक्सीजन नहीं मिल पा रही है जिसके चलते अस्पताल प्रबंधनों ने अब मरीजों के तीमारदारों के लिए मजबूरी में बेड देने से इनकार करना पड़ रहा है। एक अस्पताल प्रबंधन प्रतिनिधि का कहना है कि 8 से 10 घंटे लाइन में लगते हैं। तब बड़ी मुश्किल से 4 से 6 सिलेंडर मिल रहे हैं जो कि कुछ घंटों में ही खत्म हो जाते हैं।
डीएलएफ इलाके में आक्सीजन इमरजेंसी के लिए यह अस्पताल कोविड से ग्रस्त निवासियों को बेड देने में पूरा सहयोग कर रहे है लेकिन बीते एक सप्ताह से इन्हें आक्सीजन काफी कम मिल रही है। मैंने इस संबंध में डीसी को भी संदेश भेजा और टिवटर पर भी डाला लेकिन सिर्फ एक जवाब मिलता है आक्सीजन कंट्रोल रूम में बात करें और वहां कोई फोन नहीं उठाता।
आरएस राठी, निगम पार्षद, डीएलएफ क्षेत्र
शहर के कुछ अस्पताल कोविड इलाज के दायरे से बाहर हैं जिसके चलते वो हमारे रडार पर नहीं आ पाते। ऐसे अस्पतालों की सूची बनवाकर जल्द ही उन्हें समय पर आक्सीजन दिलवाने का प्रबंध किया जाएगा।
यश गर्ग, उपायुक्त गुरुग्राम