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30 लाख आबादी वाला शहर, सांस लेने लायक सिर्फ एक जगह

30 लाख आबादी और कई किलोमीटर में फैले इस गुरुग्राम में सांस लेने लायक सिर्फ एक ही जगह है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 07:51 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 07:51 PM (IST)
30 लाख आबादी वाला शहर, सांस लेने लायक सिर्फ एक जगह

संदीप रतन, गुरुग्राम

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दूर से चमचमाती गगनचुंबी इमारतों का शहर गुरुग्राम जितना खूबसूरत दिखता है, अंदर की तस्वीर उतनी ही डरावनी है। 30 लाख आबादी और कई किलोमीटर में फैले इस शहर में सांस लेने लायक सिर्फ एक ही जगह है। नगर निगम से मिले प्रदूषण के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो सेक्टर 52 स्थित ताऊ देवीलाल बायोडायवर्सिटी पार्क का वायु गुणवत्ता सूचकांक सुकून देने वाला है। हरियाली से आच्छादित इस इलाके में प्रदूषण नहीं है और प्रदूषण का स्तर सामान्य से भी नीचे दर्ज किया जा रहा है। 18 से 20 अक्टूबर तक लिए गए आंकड़ों के मुताबिक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 36 दर्ज किया गया। 50 से कम वायु गुणवत्ता सूचकांक को बेहतर माना जाता है। इससे ऊपर अगर आंकड़ा है तो इसका मतलब ये है कि हवा काफी जहरीली है। अगर अन्य इलाकों की बात करें तो बेल्वडिर पार्क मेट्रो स्टेशन 329 वायु गुणवत्ता सूचकांक के साथ सबसे प्रदूषित रहा।

खास बात ये है कि गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए), नगर निगम और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और वन विभाग जैसे महकमे हर साल शहर में हरियाली बढ़ाने का दावा करते हैं, लेकिन हालात पूरी सच्चाई को बयां कर रहे हैं।

ये हैं सबसे प्रदूषित इलाके

स्थान वायु गुणवत्ता सूचकांक

बंधवाड़ी 227

सेक्टर 14 296

सोहना चौक 202

शंकर चौक 156.8

(20 अक्टूबर को लिए गए आंकड़े) इन कारणों से बढ़ रहा प्रदूषण

- सड़कें टूटी होने के कारण उड़ती है धूल।

- सभी सड़कों की मैकेनिल रोड स्वीपिग मशीन से नहीं हो रही सफाई।

- खुले में रखी रहती है निर्माण सामग्री।

- बड़े निर्माण प्रोजेक्ट फ्लाइओवर, अंडरपास निर्माण के दौरान नहीं हो रहा पानी का छिड़काव।

-सड़कों के डिवाइडर पर लगे पौधे और ग्रीन बेल्ट हो रही है उजाड़।

- नए पार्क नहीं किए जा रहे विकसित। विशेषज्ञ की राय

सेवानिवृत्त मौसम वैज्ञानिक पीएन सिंह के मुताबिक सर्दी के दिनों में हवा में नमी की मात्रा बढ़ जाती है और हवा की रफ्तार काफी कम हो जाती है। इसके कारण हवा में जहरीली गैसें जमने लगती हैं। प्रदूषण से राहत बारिश होने या हवा चलने से मिल सकती है, लेकिन प्रदूषण का स्तर न बढ़े, इसके लिए ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करना होगा। पेड़-पौधे हवा से कार्बन डाइआक्साइड को सोख लेते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं। इससे प्रदूषण को घटाने में मदद मिलती है।


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