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एक हजार एकड़ में विकसित किया जाएगा सिटी फॉरेस्ट

अरावली की गोद में बसे गांव सकतपुर गैरतपुर बास एवं शिकोहपुर की लगभग एक हजार एकड़ भूमि पर सिटी फॉरेस्ट विकसित किया जाएगा। इसके लिए पौधारोपण अभियान शुक्रवार से शुरू किया जाएगा। पहले दिन पांच हजार से अधिक स्थानीय पौधे लगाने की योजना है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Aug 2019 04:08 PM (IST)Updated: Thu, 08 Aug 2019 04:08 PM (IST)
एक हजार एकड़ में विकसित किया जाएगा सिटी फॉरेस्ट

आदित्य राज, गुरुग्राम

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अरावली की गोद में बसे गांव सकतपुर, गैरतपुर बास एवं शिकोहपुर की लगभग एक हजार एकड़ भूमि पर सिटी फॉरेस्ट विकसित किया जाएगा। इसके लिए पौधारोपण अभियान शुक्रवार से शुरू किया जाएगा। पहले दिन पांच हजार से अधिक स्थानीय पौधे लगाने की योजना है। वन विभाग अपने स्तर पर पौधे लगाने के साथ ही निजी कंपनियों की भी भागीदारी कुछ शर्तों के साथ सुनिश्चित करेगा। कंपनियों को पौधे लगाने के बाद कम से कम चार साल तक देखभाल करनी होगी।

पिछले महीने प्रदेश के वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल के इच्छानुसार जिले में सिटी फॉरेस्ट विकसित करने की घोषणा की थी। इलाके के चयन की जिम्मेदारी वन विभाग को सौंपी गई थी। अपनी जिम्मेदारी को पूरी करते हुए विभाग ने गांव सकतपुर, गैरतपुर बास एवं शिकोहपुर की लगभग एक हजार एकड़ जमीन का चयन किया है। तीनों गांवों की पहाड़ी मिली हुई है। विभाग का विचार है कि एक हजार एकड़ को विभिन्न कंपनियों में बांटा जाए ताकि पौधों पर बेहतर तरीके से ध्यान दिया जा सके। इस दिशा में कई निजी कंपनियां सामने आ चुकी हैं। उनसे बातचीत भी फाइनल हो गई है। वे शुक्रवार 9 अगस्त से शुरू हो रहे पौधारोपण अभियान में बढ़-चढ़कर भाग भी लेंगी। देश व दुनिया के लोग देखने के लिए पहुंचेंगे

सिटी फॉरेस्ट को इस तरह विकसित किया जाएगा कि हरियाली देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि दुनिया के लोग भी पहुंचेंगे। इस बारे में योजना लगभग तैयार कर ली गई है। जल्द ही इसे अंतिम रूप देकर सार्वजनिक किया जाएगा। पौधारोपण अभियान शुरू करने के साथ ही अन्य योजनाओं पर तेजी से काम किया जाएगा ताकि जल्द से जल्द सिटी फॉरेस्ट विकसित हो सके। यही नहीं तीनों गांवों के अरावली क्षेत्र में जितने भी तालाब हैं, सभी को बेहतर किया जाएगा। एक झील का भी निर्माण किया जाएगा। इस पर 50 लाख रुपये खर्च होंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार ने झंडी दिखा दी है। उद्देश्य है कि बारिश के दौरान पहाड़ का पानी झील या तालाब में ही जमा हो, बाहर न जाए। फिलहाल बारिश का पानी बाहर चला जाता है। यही नहीं शहर के कई इलाकों से भी बारिश का पानी तालाबों एवं झील तक पहुंचाने का प्रयास होगा। इससे शहर में जलभराव की समस्या कम हो जाएगी। सिटी फॉरेस्ट विकसित करने का काम 9 अगस्त से शुरू हो जाएगा। बड़े स्तर पर पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा। इतनी घनी हरियाली करने का विचार है कि जिसे देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि दुनिया से भी लोग पहुंच सकें। इस कार्य में निजी कंपनियां विशेष भूमिका निभाएंगी।

- राव नरबीर सिंह, वन एवं लोक निर्माण मंत्री, हरियाणा

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