एचएसवीपी की जमीन बेचने के तीन आरोपित गिरफ्तार
एचएसवीपी) की स्वामित्व वाली दो एकड़ जमीन फर्जी तरीके से एक निजी कंपनी को बेचकर सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाने के तीन आरोपितों को स्टेट क्राइम की गुरुग्राम यूनिट ने गिरफ्तार कर लिया।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की स्वामित्व वाली दो एकड़ जमीन फर्जी तरीके से एक निजी कंपनी को बेचकर सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाने के तीन आरोपितों को स्टेट क्राइम की गुरुग्राम यूनिट ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों में दो अधिवक्ता हैं। गांव इस्लामपुर में दो एकड़ भूमि वर्ष 1993 के दौरान एचएसवीपी द्वारा अधिग्रहित की गई थी। उस जमीन को फर्जी व जाली दस्तावेज और गवाहों के आधार पर एक निजी कंपनी को दो करोड़ रुपये में बेच दिया गया।
छानबीन की गई तो पता चला कि गांव झाड़सा निवासी रोहित ठाकरान ने मूर्ति देवी, लक्ष्मी देवी एवं बाला देवी के नाम पर अन्य महिलाओं को खड़ी करके उनकी दो एकड़ पैतृक जमीन जिसे एचएसवीपी ने अधिग्रहित किया था उसे पहले ही गांव इस्लामपुर निवासी अजय चौधरी के नाम हस्तांतरित करवा दी। बाद में एक निजी कंपनी को बेच दी गई। धोखाधड़ी का पता चलने पर पीड़ितों में से एक गुप्ता कालोनी निवासी मूर्ति देवी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी।
शिकायत के आधार पर स्टेट क्राइम की गुरुग्राम यूनिट ने डीएसपी धर्मबीर सिंह के नेतृत्व में 18 जनवरी को मास्टर माइंड रोहित ठाकरान को जबकि 20 जनवरी को संपत्ति की असली मालिकों की पहचान करने वाले गवाह अधिवक्ता चमनलाल अरोड़ा एवं सुभाषचंद अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया। दोनों अधिवक्ताओं को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल भेज दिया गया। रोहित ठाकरान शुक्रवार तक रिमांड पर है। पटवारी का काम जानता है रोहित ठाकरान
छानबीन में सामने आया है कि रोहित ठाकरान पटवारी का काम जानता है। इस वजह से वह अधिग्रहित जमीन के बारे में पूरी तरह से वाकिफ था। रोहित के खाते में अजय चौधरी द्वारा दो करोड़ में से 29 लाख रुपये ट्रांसफर किए जाने की जानकारी सामने आ चुकी है।
अजय चौधरी ने जिन खातों में पैसे प्राप्त किए हैं, उनमें उसके द्वारा बैंक में खाता खुलवाते समय अलग-अलग नंबर के पैन कार्ड प्रयोग किए गए। आरोपित रोहित ठाकरान के ऊपर लड़ाई-झगड़ा करने के साथ ही शराब की तस्करी करने का भी आरोप है। अजय चौधरी वर्ष 2006 के दौरान राजस्थान पुलिस के एक कांस्टेबल को गोली मारकर हत्या करने का आरोपित है।
मामले में जितने भी लोग शामिल हैं, सभी को गिरफ्तार किया जाएगा। स्टेट क्राइम की गुरुग्राम यूनिट पीछे लगी हुई है। वैसे मास्टर माइंड एवं गवाही देने वाले दो अधिवक्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनसे काफी जानकारी सामने आ चुकी है।
- मोहम्मद अकील, महानिदेशक (डीजी), स्टेट क्राइम, हरियाणा