सेवानिवृत्त आइपीएस सहित तीन के साथ धोखाधड़ी
साइबर सिटी में धोखाधड़ी के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। पिछले एक सप्ताह के दौरान साइबर क्राइम थाने में तीन मामले दर्ज किए गए।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : साइबर सिटी में धोखाधड़ी के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। पिछले एक सप्ताह के दौरान साइबर क्राइम थाने में तीन मामले दर्ज किए गए। तीनों मामले आनलाइन धोखाधड़ी के हैं। इसे देखते हुए पुलिस लगातार लोगों से अपील कर रह रही है कि फोन पर सोशल मीडिया के माध्यम से बातचीत के आधार पर पैसों का लेन-देन न करें। इसके बाद भी लोग जालसाजों के जाल में फंस रहे हैं।
................
नौकरी के नाम पर ठगी बलदेव नगर निवासी मोहम्मद सब्बीर का यूट्यूब के माध्यम से विजय लोहान नामक व्यक्ति से संपर्क हुआ था। उसने अपने आपको पानीपत का रहने वाला बताया था। उसने मोहम्मद सब्बीर को दुबई में गार्ड की नौकरी दिलाने के नाम पर अपने खाते में 80 हजार रुपये जमा करा लिए। पैसे जमा कराने के बाद विजय लोहान ने उनका फेसबुक, वाट्सएप नंबर के साथ ही इंस्टाग्राम ब्लाक कर दिया।
..............
सेवानिवृत्त डीजी के साथ ठगी आम हो या खास, जालसाज हर किसी को निशाना बना रहे हैं। आइटीबीपी से सेवानिवृत्त महानिदेशक (डीजी) एसके केन सेक्टर-50 इलाके में रहते हैं। 10 जनवरी को उनके खाते से कुछ मिनट के दौरान एक लाख रुपये निकल गए। 10 बार में पैसे निकाले गए। न ओटीपी नंबर आया और न ही किसी को अपने कार्ड के बारे में जानकारी दी। एसके कैन कहते हैं कि जालसाजों के ऊपर लगाम लगाना आवश्यक है। बिना ओटीपी नंबर आए ही पैसे निकल गए। यही नहीं लगातार 10 बार पैसे निकाले गए। उन्होंने कुछ दिन पहले सामान की खरीदारी के लिए एटीएम कार्ड से पैसे दिए थे। इसके बाद भी कहीं भी कार्ड का उपयोग नहीं किया।
.............
नौकरी की फर्जी मेल भेजकर ठगी पटेल नगर निवासी आशीष कुमार ने वर्ष 2019 के दौरान हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी के लिए फार्म भरा था। परीक्षा देने के बाद उनकी जान-पहचान वाट्सएप के माध्यम से सुधीर चौहान नामक व्यक्ति से हुई। उसने नौकरी लगवाने की बात करते हुए सात लाख 30 हजार रुपये की मांग की। इस पर आशीष ने कहा कि वह पैसे तब देगा, जब परीक्षा में पास हो जाएगा। छह जुलाई 2019 को सुधीर चौहान ने ईमेल भेजकर हरियाणा पुलिस में चयनित होने की सूचना दी। इसके बाद आशीष ने पैसे दे दिए। पैसे लेने के बाद सुधीर चौहान ने फोन उठाना बंद कर दिया। बाद में पता चला कि ईमेल फर्जी है। आरोपित न ही फोन उठा रहा है और न ही पैसे दे रहा है।