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टर्नओवर से एमएसएमई का निर्धारण देगा औद्योगिक विस्तार को बल

सरकार द्वारा माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज डेवलपमेंट (संशोधन) बिल 201

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Jul 2018 09:22 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jul 2018 09:22 PM (IST)
टर्नओवर से एमएसएमई का निर्धारण देगा औद्योगिक विस्तार को बल

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: सरकार द्वारा माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज डेवलपमेंट (संशोधन) बिल 2018 को लोकसभा में पेश कर दिया है। यह विधेयक पास हो गया तो एमएसएमई (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) की परिभाषा बदल जाएगी। इसे लेकर साइबर सिटी के उद्यमी काफी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि एमएसएमई का जो वर्गीकरण वर्तमान में है वह काफी पुराना हो चुका है। इसमें बदलाव की जरूरत काफी पहले से महसूस की जा रही है। यह बिल पास हो गया तो गुरुग्राम के औद्योगिक हब की दशा और दिशा दोनों बदल जाएगी। इससे औद्योगिक विस्तार और विकास दोनों को बहुत बड़ा बल मिलेगा।

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साइबर सिटी एमएसएमई का बड़ा हब है। इस विधेयक के पारित होने से औद्योगिक विकास को जो गति मिलेगी वह मील का पत्थर साबित होगा। पिछले काफी समय से एमएसएमई इंडस्ट्री की स्थिति कुछ ठीक नहीं है। ऐसी स्थिति में यह बदलाव काफी कारगर साबित होगा। इससे सूक्ष्म, मझौले और मध्यम उद्योगों को नया जीवन मिलेगा। गुरुग्राम में 11 हजार से अधिक औद्योगिक यूनिटें हैं। इसमें ऑटोमोबाइल, गारमेंट, टेक्सटाइल, एग्रो फूड और इंजीनिय¨रग कंपनियां हैं। गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन के प्रेसिडेंट प्रवीण यादव का कहना है कि यह बिल जल्द से जल्द पास होना चाहिए। अभी तक 25 लाख रुपये तक की निवेश वाली यूनिटें सूक्ष्म, 25 लाख से अधिक लेकिन पांच करोड़ से कम निवेश वाली स्मॉल व पांच करोड़ से अधिक एवं 10 करोड़ से कम निवेश वाली मीडियम की श्रेणी में आती हैं। विधेयक पास हुआ तो यह होगा बदलाव

-पांच करोड़ रुपये तक का वार्षिक टर्नओवर करने वाली औद्योगिक इकाईयों को अब सूक्ष्म उद्योग की श्रेणी में रखा जाएगा

-पांच करोड़ से 75 करोड़ रुपये तक के सालाना टर्नओवर वाली यूनिटों को स्मॉल एंटरप्राइजेज का दर्जा मिल जाएगा

-75 करोड़ से अधिक और 250 करोड़ रुपये तक की सालाना टर्नओवर करने वाली औद्योगिक यूनिटें मध्यम उद्योग की श्रेणी में आ जाएंगी

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एमएसएमई के संबंध में जो बिल लोकसभा में पेश किया गया है उसके जल्द से जल्द पारित होने की उम्मीद उद्योग जगत को है। यह औद्योगिक हित के लिए बड़ा कदम है। इससे उद्योगों का दायरा बढ़ने के साथ-साथ औद्योगिक विकास को भी बल मिलेगा।

विकास जैन, प्रेसिडेंट गुड़गांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री


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