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सीबीएसई परिणाम: साइंस टॉपर : इंजीनियर बनना चाहते हैं साइंस टॉपर जोशुआ

दिल्ली पब्लिक स्कूल सेक्टर 45 गुरुग्राम के साइंस के टॉपर ने सेक्टर 54 स्थित सनसिटी व‌र्ल्ड स्कूल के छात्र आयुष वर्मा के साथ 9

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 May 2019 08:12 PM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 06:28 AM (IST)
सीबीएसई परिणाम: साइंस टॉपर : इंजीनियर बनना चाहते हैं साइंस टॉपर जोशुआ

विषयवार अंक :

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इंग्लिश - 95

कैमेस्ट्री - 100

फिजिक्स - 98

मैथ्स - 98

बायोलॉजी - 99

प्रतिशत : 98 जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: दिल्ली पब्लिक स्कूल, सेक्टर 45 गुरुग्राम के साइंस के टॉपर जोशुआ ने सेक्टर 54 स्थित सनसिटी व‌र्ल्ड स्कूल के छात्र आयुष वर्मा के साथ 98 प्रतिशत अंक प्राप्त करके माता-पिता व स्कूल का नाम रोशन किया है। जोशुआ ने नियमित पढ़ाई से बेहतरीन अंक प्राप्त किए हैं। हालांकि इस सफलता की उम्मीद उन्हें नहीं थी, लेकिन उन्हें जब यह सूचना मिली तो सबसे पहले उन्होंने अपने माता पिता को इसकी जानकारी दी। इंजीनियर बनने की चाह

जोशुआ आगे की पढ़ाई में इंजीनियरिग करना चाहते हैं। इसके लिए वे तैयारी भी कर रहे हैं। उन्होंने आइआइटी मेंस में सफलता अर्जित की है। जोशुआ अपनी इस सफलता के श्रेय माता पिता व शिक्षकों को देना चाहते हैं। उनकी मां कैमेस्ट्री की शिक्षक हैं। जोशुआ का कहना था कि मां की प्रेरणा से एकेडमिक्स में आगे बढ़े तो पिता की प्रेरणा से कभी हार नहीं मानी। पिता जोसफ बायोटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर हैं। खेलों में भी चैंपियन

जोशुआ पढ़ाई के साथ साथ खेलों व पियानो में भी महारथ रखते हैं। उन्होंने अन्य खेलों के साथ ताइक्वांडो में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल भी जीता है। उनका कहना है कि खेलों और संगीत से बेहतर स्ट्रेस बस्टर कोई नहीं हो सकता।

बैंकिग के क्षेत्र में जाना चाहते हैं साइंस टॉपर आयुष

विषयवार अंक :

इंग्लिश - 98

फिजिक्स - 98

कैमेस्ट्री - 98

मैथ्स- 99

इकोनॉमिक्स - 97 विज्ञान संकाय में आयुष ने 98 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। सनसिटी स्कूल के आयुष अब इकोनॉमिक्स में अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई करेंगे वहीं कॉरपोरेट सेक्टर के साथ-साथ फाइनेंस, बैकिग के क्षेत्र में आगे कार्य करना चाहते हैं। सेक्टर-54 में रहने वाले आयुष के पिता आदित्य वर्मा बिजनेस मैन हैं और मां सीमा वर्मा ट्यूशन शिक्षक हैं। आयुष बताते हैं कि परीक्षाओं के दौरान कभी भी उन्होंने घंटों में अपनी पढ़ाई को नहीं बांटा। हमेशा टॉपिक के साथ अपनी पढ़ाई को विभाजित किया करते थे। रोजाना लक्ष्य बनाकर करके चलते थे और उसी अनुसार पढ़ाई भी करते थे। पढ़ाई के अलावा उनकी हॉबी फुटबॉल में रही, इसलिए स्कूल टूर्नामेंट में हमेशा बेहतरीन प्रदर्शन दिया।


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