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दिसंबर में कराई जाएगी वन्य जीवों की गणना

अरावली पहाड़ी क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में वन्य जीवों की गणना दिसंबर में कराई जाएगी। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। गणना वन विभाग की तकनीकी टीम भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के निर्देशानुसार करेगी। इससे पहले पूरी गणना वर्ष 2012 के दौरान कराई गई थी। वर्ष 2016 के दौरान केवल तेंदुओं की गणना कराई गई थी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Oct 2018 06:31 PM (IST)Updated: Fri, 05 Oct 2018 06:31 PM (IST)
दिसंबर में कराई जाएगी वन्य जीवों की गणना
दिसंबर में कराई जाएगी वन्य जीवों की गणना

आदित्य राज, गुरुग्राम

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अरावली पहाड़ी क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में वन्य जीवों की गणना दिसंबर में कराई जाएगी। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। गणना वन विभाग की तकनीकी टीम भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के निर्देशानुसार करेगी। इससे पहले पूरी गणना वर्ष 2012 के दौरान कराई गई थी। वर्ष 2016 के दौरान केवल तेंदुओं की गणना कराई गई थी। यह जानकारी प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) सत्यभान ने शुक्रवार को दैनिक जागरण से खास बातचीत में दी।

उन्होंने बताया कि गणना से पूरी तरह साफ हो जाएगा कि प्रदेश में वन्य जीवों के अनुकूल माहौल तेजी से बन रहा है। पिछले कुछ वर्षो के दौरान वन्य जीवों की संख्या में अच्छी-खासी बढ़ोत्तरी हुई है। खासकर तेंदुओं की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। प्रदेश में 100 से अधिक तेंदुए हैं। इनमें से अधिकतर तेंदुए अरावली पहाड़ी क्षेत्र में हैं। हिसार में भी तेंदुआ का देखा जाना यह दर्शाता है कि वन्य जीवों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। गणना के दौरान यह भी पता चल सकेगा कि किस-किस प्रजाति के वन्य जीवों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। हो सकता है कुछ नई प्रजाति के वन्य जीव भी सामने आएं। प्रदेश के वन क्षेत्रों में सबसे अधिक तेंदुआ, लकड़बग्घा, गीदड़, हिरण, नील गाय, खरगोश आदि हैं।

गणना के बाद सुरक्षा पर विशेष ध्यान

गणना के बाद वन्य जीवों की सुरक्षा के हिसाब से आगे योजनाएं बनाई जाएंगी। खासकर अरावली पहाड़ी क्षेत्र के वन्य जीवों को लेकर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कई बार रिहायशी इलाकों में वन्य जीवों के प्रवेश की शिकायत सामने आ चुकी है। किन कारणों से वन्य जीव रिहायशी इलाकों में जाते हैं, इसके ऊपर भी गणना के बाद गंभीरता से विचार किया जाएगा। बता दें कि पिछले कुछ वर्षो के दौरान अरावली पहाड़ी क्षेत्र के 10 से अधिक तेंदुए रिहायशी इलाकों में आने की वजह से मौत के शिकार हो चुके हैं। इनमें कुछ की मौत हाईवे पार करने के दौरान हो चुकी है। पिछले साल मानेसर स्थित मारुति सुजुकी के प्लांट में भी एक तेंदुआ घुस गया था।


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