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चौथे फ्लोर पर प्रतिबंध को लेकर बिल्डरों व रेजीडेंट ने किया प्रदर्शन

चौथे फ्लोर पर प्रतिबंध को लेकर बिल्डरों व रेजीडेंट ने किया प्रदर्शन

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 May 2018 06:12 PM (IST)Updated: Fri, 18 May 2018 06:12 PM (IST)
चौथे फ्लोर पर प्रतिबंध को लेकर बिल्डरों व रेजीडेंट ने किया प्रदर्शन
चौथे फ्लोर पर प्रतिबंध को लेकर बिल्डरों व रेजीडेंट ने किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम : चौथे फ्लोर को बनाने के लिए दी जाने वाली अनुमति पर लगी पाबंदी के बाद छोटे बिल्डरों से लेकर रेजिडेंट तक परेशान हैं। शुक्रवार को 300 से अधिक बिल्डरों, लाइसेंस कालोनियों तथा सेक्टरों में रहने वाले लोगों ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के प्रशासक के सेक्टर 14 स्थित कार्यालय के सामने प्रर्दशन कर ज्ञापन दिया। सबकी मांग थी कि चौथे फ्लोर को एक इकाई के रूप में विकसित किए जाने की छूट मिलनी चाहिए।

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प्रदर्शन करने वाले लोगों का कहना था कि प्रदेश सरकार ने 7 मार्च 2017 को हरियाणा बि¨ल्डग कोड में संशोधन कर चौथे फ्लोर की अनुमति दी थी जिसके बाद स्थानीय विभागों ने नक्शे पास करने शुरू कर दिए। चौथे फ्लोर की एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) की स्वीकृति के एवज में विभाग लोगों से लाखों रुपये का शुल्क भी वसूल रहा है। अब चौथे फ्लोर की रजिस्ट्री पर रोक लगाना लोगों के साथ अन्याय है।

गुरुग्राम में लगभग 1000 से 1200 छोटे बिल्डर हैं जो कि प्लॉट लेकर उस पर फ्लोर बनाकर बेचने का व्यवसाय करते हैं। लोगों का कहना है कि यदि एचएसवीपी के अधिकारियों ने इस बारे में जल्द सुनवाई नहीं की तो वे मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे और जरूरी पड़ी तो पंजाब एवं हरियाण उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे। आज की स्थिति में 500 से 600 प्लॉटों पर चौथा फ्लोर बनाने का कार्य चल रहा है। 800 से 900 फ्लोर ऐसे हैं जो अगले 2 से 3 माह में पूरे बन जाएंगे। यदि उन्हें अलग से रिहायशी इकाई का दर्जा नहीं मिला और रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ तो बिल्डर बर्बाद हो जाएंगे।

- नकुल अग्रवाल, लघु बिल्डर, गुरुग्राम 300 वर्ग गज के प्लॉट पर चौथे फ्लोर पर अतिरिक्त एफएआर की अनुमति के लिए विभाग को लगभग 30 लाख रुपये की अदायगी करते हैं। उसके बाद भी यदि अलग इकाई के तौर पर स्वीकृति नहीं मिलेगी तो फ्लोर का व्यवसाय चौपट हो जाएगा। बैंक से करोड़ों रुपये के ऋण भी लिए हुए हैं। सरकार ऐसा अन्याय नहीं कर सकती।

प्रवीन अग्रवाल, लघु बिल्डर ये मुद्दे भी उठाए:-

-यदि व्यवस्था में कोई तकनीकी कमी थी तो बिल्डिंग कोड लागू होने से पहले ठीक क्यों नहीं की

-लोग बैंकों से ऋण लेकर व्यवसाय कर रहे हैं और अब ऐसे व्यवहार से नुकसान की भरपाई कौन करेगा।

-ग्राहक प्लॉट खरीदने के साथ-साथ सरकार को स्टांप ड्यूटी से लेकर ट्रांसफर शुल्क, एफएआर शुल्क, नक्शे एवं ओसी शुल्क के रूप में लाखों रुपये का राजस्व देता है।

चौथे फ्लोर को लेकर कुछ लोगों ने ज्ञापन सौंपा है। इस बारे में उच्च अधिकारियों को अपनी सिफारिशें भेजने के साथ उनसे टिप्पणी देने के लिए भी निवेदन किया जाएगा।

- डॉ चन्द्रशेखर खरे, प्रशासक एचएसवीपी

लोगों के ज्ञापन व मांगों का अध्ययन कर अधिनियम एवं नियमों के हिसाब से निर्णय लिया जाएगा।

- केएम पांडुरंग, महानिदेशक टाउन एंड कंट्री प्ला¨नग


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