बजट: महिलाओं की मांग, रसोई खर्च में कमी लाने वाला हो बजट
साइबर सिटी की महिलाएं चाहे वह कामकाजी हों या गृहणी सभी को केंद्र सरकार के आंतरिक बजट का बेसब्री से इंतजार है। इनकी मांग है कि बजट में ऐसे प्रावधान हों जिससे उनके रसाई के खर्च में कमी आए व महगांई को नियंत्रित रखने का भी विशेष प्रावधान हो। अधिकतर महिलाओं का कहना है कि पिछले कई माह से महंगाई दर काफी कम है। इसमें और कमी आए तो स्थिति और बेहतर हो सकती है। वहीं कामकाजी महिलाओं का कहना है कि कम से कम पांच लाख तक की आय को कर मुक्त किया जाए। ऐसा होने से महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: साइबर सिटी की महिलाएं चाहे वह कामकाजी हों या गृहिणी सभी को केंद्र सरकार के आंतरिक बजट का बेसब्री से इंतजार है। इनकी मांग है कि बजट में ऐसे प्रावधान हों जिससे उनके रसोई के खर्च में कमी आए व महंगाई को नियंत्रित रखने का भी विशेष प्रावधान हो। अधिकतर महिलाओं का कहना है कि पिछले कई माह से महंगाई दर काफी कम है। इसमें और कमी आए तो स्थिति और बेहतर हो सकती है। वहीं कामकाजी महिलाओं का कहना है कि कम से कम पांच लाख तक की आय को कर मुक्त किया जाए। ऐसा होने से महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी।
महिलाओं की ओर से एक और खास मांग केंद्रीय वित्त मंत्री से की जा रही है वह यह है कि आंतरिक बजट में महिला सशक्तिकरण को लेकर ठोस प्रयास किए जाएं। महिलाओं की सुरक्षा, कारोबार एवं रोजगार आदि को लेकर आवंटन बढ़ाया जाए। सेक्टर-39 निवासी सविता सेठ का कहना है कि महिलाओं को अग्रिम पंक्ति में खड़ा करने के लिए कुछ विशेष योजनाओं को लागू करना चाहिए, क्योंकि अभी भी वह कुछ मामलों में पीछे हैं। उन्हें अधिक से अधिक आर्थिक अधिकार दिए जाने की जरूरत है।
शिवाजी नगर की गृहिणी प्रमिला वर्मा का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में महिलाओं को सशक्त बनाने को लेकर काफी काम किया है इसका परिणाम भी दिखने लगा है। इस मामले में अभी जो कसर रह गई है उसे समय रहते पूरा करने की जरूरत है। आंतरिक बजट में ऐसे प्रावधान हों, जिससे रसोई के खर्च में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं हो बल्कि कमी आए। वहीं महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए भी विशेष आवंटन किया जाए। इसे लेकर नई योजनाएं शुरू की जाएं।
सरिता धनखड़ आंतरिक बजट महंगाई दर को नियंत्रित करने वाला होना चाहिए। वहीं महिला शिक्षा को प्रोत्साहित करने वाले प्रावधान की भी दरकार है। आयकर स्लैब में बदलाव करके कम से कम पांच लाख तक की आमदनी को कर मुक्त करने की जरूरत है।
-रीना मिश्रा