औद्योगिक क्षेत्र में खुले में डाला जा रहा बायोमेडिकल वेस्ट
औद्योगिक क्षेत्र मानेसर और आसपास के क्षेत्र में बायोमेडिकल वेस्ट को खुले में ही डाला जा रहा है। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। आसपास के गांवों में कई छोटे अस्पताल बना रखे हैं।
जागरण संवाददाता, मानेसर: कोरोना को लेकर हर जगह संक्रमण रोकने के बड़े पैमाने पर उपाय किए जा रहे हैं और सतर्कता बरती जा रही है, लेकिन औद्योगिक क्षेत्र मानेसर और आसपास के क्षेत्र में बायोमेडिकल वेस्ट को खुले में ही डाला जा रहा है। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। आसपास के गांवों में कई छोटे अस्पताल बना रखे हैं। इनमें निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इनसे निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट को खुले क्षेत्र में ही फेंक दिया जाता है।
आइएमटी में लेबर चौक के नजदीक रोजाना इस प्रकार का वेस्ट फेंका जाता है। इससे संक्रमण फैलने और दूसरे लोगों के बीमार होने का खतरा हमेशा बना रहता है। अस्पतालों से निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट से संक्रमण फैलने का डर रहता है। इसके निस्तारण के लिए नियमों का पालन किया जाना चाहिए लेकिन यहां प्रशासन की नाक के नीचे नियमों को ताक पर रख कर खुले में ही बायोमेडिकल वेस्ट फेंका जा रहा है। कई बार इसमें सुबह को आग लगा दी जाती है। इससे यहां आने वाले श्रमिक और उनके बच्चे सर्दी में आग के नजदीक बैठ जाते हैं।
इस कचरे के कारण दूसरे लोग भी बीमार हो सकते हैं। इसमें मास्क, दस्ताने, छोटी सुई शामिल हैं। नियमों के अनुसार कचरे को अलग अलग थैली में डालकर इसका निस्तारण किया जाएगा लेकिन यहां नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। औद्योगिक क्षेत्र से जुड़ी एसोसिएशन और उद्यमियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अधिकारियों की नजर में इस मामले को पहुंचा भी दिया है लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। लेबर चौक पर ठेकेदार सुरेंद्र यादव ने बताया कि यहां रोजाना खुले में अस्पताल से निकलने वाले कचरे को डाला जाता है। यहां श्रमिकों के छोटे बच्चे खेलते रहते हैं किसी ने सुई का मास्क को उठा लिया तो नुकसान हो सकता है। अधिकारियों को इस तरफ ध्यान देना चाहिए और इस प्रकार से खुले में कचरा फेंकने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई करनी चाहिए।