बैलेंस शीट: यशलोक सिंह
हरियाणा भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (हरेरा) गुरुग्राम में बिना पंजीकरण कराए फ्लोर तैयार कर उन्हें बेचने वालों की अब खैर नहीं है। ऐसे लोगों एवं ऐसी परियोजनाओं को लेकर हरेरा काफी सख्त है।
एनजीटी के मानकों का पालन नहीं
विकास कार्यों का होते रहना अच्छी बात है, मगर पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए जो विकास कार्य किए जाएं वही सबसे अच्छा होता है। मगर अफसोस की बात शहर में जहां-जहां भी विकास कार्य हो रहे हैं वहां नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के मानकों का पालन बिल्कुल नहीं किया जा रहा है। निजी ही नहीं सरकारी स्तर पर भी इसका उल्लंघन किया जा रहा है। दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे स्थित एसपीआर व उद्योग विहार के पास रोड को चौड़ा करने के जो काम चल रहा है वह वायु प्रदूषण को बढ़ावा देने वाला है। इन दोनों स्थानों पर हमेशा धूल उड़ती नजर आ रही है। यहां निर्माण सामग्रियों को खुले में रखा जा रहा है, जबकि मानक के मुताबिक इसे ढक कर रखना चाहिए। साइट पर पानी का छिड़काव होना चाहिए। उद्योग विहार स्थित कंपनियों में काम कार्यरत लोगों का कहना है कि उड़ती धूल से आबो-हवा खराब हो रही है। बिना पंजीकरण फ्लोर बनाने वाले नपेंगे
हरियाणा भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (हरेरा), गुरुग्राम में बिना पंजीकरण कराए फ्लोर तैयार कर उन्हें बेचने वालों की अब खैर नहीं है। ऐसे लोगों एवं ऐसी परियोजनाओं को लेकर हरेरा काफी सख्त है। जल्द इन पर बड़ी कार्रवाई की जाएगी। हरेरा चेयरमैन डॉ. केके खंडेलवाल का कहना है कि जिले में अभी इस प्रकार की लगभग 200 परियोजनाएं चल रही हैं, जिनकी पहचान कर ली गई है। जल्द ही इन सभी को नोटिस भेजकर पंजीकरण कराने को कहा जाएगा। इसके बावजूद अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो हरेरा नियमों के तहत उन पर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि शहर के विभिन्न सेक्टरों में फ्लोर तैयार कर उन्हें बेचने का काम तेजी से चल रहा है। 500 मीटर भू-क्षेत्र या आठ या उससे अधिक फ्लैट तैयार कर उनका फ्लोर वाइज पंजीकरण कराने वाले प्रॉपर्टी कारोबारियों को नियम के तहत हरेरा कार्यालय में पंजीकरण कराना होगा। ऐसा नहीं करना नियम विरुद्ध है। अधिकारी को लिखनी पड़ी चिट्ठी
उद्योग विहार में स्मार्ट ग्रिड प्रोजेक्ट के तहत बिजली के केबल को अंडरग्राउंड करने का कार्य जिस प्रकार से किया जा रहा है, उससे सरकारी विभाग ही संतुष्ट नहीं हैं। काम इतने बेतरतीब ढंग से किया जा रहा है कि हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचएसआइआइडीसी) के असिस्टेंट जनरल मैनेजर (औद्योगिक क्षेत्र), उद्योग विहार अरुण गर्ग को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर को पत्र लिख इसकी शिकायत करनी पड़ी है। एचएसआइआइडीसी अधिकारी ने उनसे अनुरोध किया है कि वह उद्योग विहार इंडस्ट्रियल एरिया में बिजली के केबल को जमीन में डालने के कार्य को करने वाली एजेंसी को निर्देश दें कि वह इसे उचित तरीके से करें, जिससे भविष्य में लोगों के लिए कोई बड़ी परेशानी न खड़ी हो। एजेंसी द्वारा जगह-जगह पर जो गड्ढे खोदे गए हैं उन्हें ठीक से भरा नहीं गया है, जिसकी वजह से वातावरण में 24 घंटे धूल उड़ती रहती है। सेल्स टैक्स तो भरना पड़ेगा
डॉ. प्रेमपाल ओल्ड रेलवे रोड पर हिद किसान स्वदेशी केंद्र चलाते थे, जिस पर वह पतंजलि के उत्पादों को बेचते थे। उनको यह केंद्र बंद किए हुए लगभग दो साल हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले उनके पास एक फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि वह सेक्टर-34 स्थित इंफो सिटी के सेल्स टैक्स कार्यालय से बोल रहा है। उसने कहा कि जहां से वह पतंजलि का प्रोडक्ट खरीदकर लाते थे, उसने अपना सेल्स टैक्स नहीं भरा है। अब यह टैक्स आपको भरना होगा। यह सुनते ही डॉ. प्रेमपाल परेशान हो उठे। इस मामले की जानकारी के लिए वह सेल्स टैक्स कार्यालय भी गए जहां पर उन्हें एक सीए मिला। उस सीए से उन्होंने सेल्स टैक्स के किसी बड़े अधिकारी से मिलाने का अनुरोध किया, मगर उन्हें नहीं मिलवाया गया। डॉ. प्रेमपाल बताते हैं कि वह कई बार सेल्स टैक्स कार्यालय का चक्कर लगा चुके हैं।