बैलेंस शीट: यशलोक सिंह
साइबर सिटी के उद्यमियों का कहना है कि सुना है कि प्रदेश सरकार चीन छोड़ रही विदेशी कंपनियों को प्रदेश में लाने की तैयारी कर रही है।
जल्द हो रोड की मरम्मत
साइबर सिटी के उद्यमियों के अनुसार ऐसा सुनने में आया है कि हरियाणा सरकार चीन छोड़ रही विदेशी कंपनियों को प्रदेश में लाने की तैयारी कर रही है। यह तो बड़ी अच्छी बात है। इसका स्वागत किया जाना चाहिए। हरियाणा में निवेश के इच्छुक अधिकतर निवेशकों की नजर में गुरुग्राम पर ही रहती है। ऐसे में प्रदेश सरकार को गुरुग्राम के औद्योगिक क्षेत्रों को इस प्रकार से चमकाना चाहिए जिससे कि निवेशक खिचे चले आएं। इंडस्ट्रियल एरिया उद्योग विहार की सड़कों की हालत देखकर तो ऐसा कतई ऐसा नहीं लगता कि निवेशक इस क्षेत्र से प्रभावित होंगे। गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण यादव बताते हैं कि यहां की आंतरिक सड़कों की मरम्मत एचएसआइआइडीसी को, शंकर चौक से डुंडाहेडा तक व श्याम चौक से ज्वाला मिल तक की रोड का जीएमडीए को कराना है। रोड मरम्मत का यह काम जल्द से जल्द शुरू होना चाहिए, जिससे आवागमन बेहतर हो सके। ऋण को राहत का नाम
यह सरकार है, सरकार के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। उद्यमियों का कहना है कि पहली बार यह पता चला कि ऋण भी राहत है। एमएसएमई क्षेत्र के उद्योगों को राहत देने के बड़े-बड़े दावे सरकार ने किए हैं कहा जा रहा है कि इससे उद्योगों का कायापलट हो जाएगा। उद्यमी दीपक मैनी का कहना है कि तीन लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज सुनने में बड़ा अच्छा लग रहा है। मगर इसमें राहत वाली बात तो दिखाई ही नहीं दे रही है। लोन तो बैंक से ही लेना है, और लोन एक पेड सुविधा है। आज नहीं तो कल इसे ब्याज सहित चुकाना ही होगा। फिर इसे राहत का नाम क्यों दिया जा रहा है? बैंक लोन भी उद्यमी 31 अक्टूबर के बाद ही ले सकेंगे। यह तो वही बात हो गई कि भूख से जान आज निकल रही है और आलू के पराठे अगले हफ्ते दिए जाएंगे। वेतन मिलते ही गायब हुए
उद्योग जगत के समक्ष अब एक नई चुनौती खड़ी हो गई है, जिससे पार पाना बड़ा ही कठिन है। उद्यमियों का कहना है कि उन्होंने जिन कर्मचारियों को अप्रैल का वेतन दे दिया था, उनमें से कई बिना बताए अपने गृह राज्य चले गए हैं। औद्योगिक कामकाज की ²ष्टि से इसे बड़ा झटका माना जा रहा है। उद्यमी संजीव गुप्ता का कहना है कि बड़ी संख्या में औद्योगिक श्रमिक पहले ही अपने-अपने घरों को जा चुके हैं। अब जो बचे हैं उन्हें भी बसों एवं ट्रेनों से सरकार उनके राज्य भिजवा रही है। ऐसे में उद्यमियों ने जिला प्रशासन से जिन कर्मचारियों के मूवमेंट पास बनवा रखे हैं, उनमें से कइयों के घर जाने से मुश्किल खड़ी हो गई है। औद्योगिक इकाइयों के पहिए किस प्रकार से चलेंगे, यही सोच कर हर उद्यमी परेशान है। जिन्होंने अभी तक कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया है, वह असमंजस में पड़ गए हैं। .आखिर कब मिलेगा वीकली पास
सरकारी अधिकारी बातें तो बड़ी अच्छी-अच्छी करते हैं, मगर वह जो कुछ भी कहते हैं उसका धरातल पर पालन पूरी तरह से होता नहीं दिखता। चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज ऑफ उद्योग विहार के अध्यक्ष अशोक कोहली बताते हैं गुरुग्राम में जिनकी फैक्टरियां हैं उनमें से कई दिल्ली, नोएडा व गाजियाबाद में रहते हैं। ऐसे में दिल्ली सीमा पर भारी सख्ती से उनका आना-जाना दूभर हो गया है। जब इस समस्या को हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिग के दौरान उठा तो उन्होंने वीकली पास देने की बात कहा। इस पास के लिए उद्यमियों ने अप्लाई भी किया। एक सप्ताह बाद भी इस पास का न कोई पता है न ठिकाना। अशोक कोहली बताते हैं जब इस बारे में जिला उद्योग केंद्र के ज्वाइंट डायरेक्टर दिग्विजय सिंह से बात की जाती है, तो वह कहते हैं कि यह फाइल अभी उपायुक्त अमित खत्री के पास पेंडिग हैं।