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बैलेंस शीट: यशलोक सिंह

डेवलपमेंट एसोसिशन सेक्टर-37 के चेयरमैन दीपक मैनी का कहना है कि इस क्षेत्र में सरकार द्वारा लगभग 40 सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गईं है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Apr 2020 04:54 PM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2020 07:21 PM (IST)
बैलेंस शीट: यशलोक सिंह
बैलेंस शीट: यशलोक सिंह

खिचड़ी हो तो मत लाना

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जब से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा हुई है तब से जरूरतमंदों की सहायता के लिए हर क्षेत्र के लोग आगे आए हैं। जिला प्रशासन, उद्योग जगत, समाजसेवी संस्थाएं, आरडब्ल्यूए एवं धार्मिक संगठनों द्वारा विभिन्न शिविरों में रह रहे लोगों के साथ-साथ झुग्गियों-झोंपड़ियों और कंस्ट्रक्शन साइटों के आसपास रहने वाले जरूरतमंदों तक खाना और राशन पहुंचाया जा रहा है। संकट की इस घड़ी में भी कुछ तथाकथित जरूरतमंद अपनी पसंद का भोजन चाहते हैं। नेशनल ह्यूमन वेल्फेयर काउंसिल के संस्थापक गुंजन मेहता बताते हैं कि वह रेडक्रॉस के लाइफटाइम मेंबर हैं। जरूरतमंदों तक खाद्य सामग्री पहुंचाने के लिए पिछले कुछ दिनों से वह रेडक्रॉस के हेल्पलाइन नंबर की कॉल ले रहे हैं। इनका कहना है कि कुछ ऐसे लोगों के फोन आ रहे हैं जो यह पूछते हैं कि आज खाने में क्या है? अगर खिचड़ी हो तो मत भेजना और हां कल अचार नहीं मिला था। आज जरूर भिजवा देना। बाज नहीं आ रहे मुनाफाखोर

कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का फायदा उठाने से कुछ मुनाफाखोर बाज नहीं आ रहे हैं। इससे आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है। ऐसे मुनाफाखोर शहरी से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक में मौजूद हैं। हालांकि लोगों से प्राप्त शिकायतों व खुद की जानकारी के आधार पर जिला प्रशासन द्वारा गठित टीमें जिले के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित दुकानों पर छापे की कार्रवाई कर रही हैं। वस्तुओं पर अंकित अधिकतम मूल्य से अधिक राशि ग्राहकों से वसूलने वाले दुकानदारों के चालान भी प्रतिदिन काटे जा रहे हैं। यहां तक कि जिला उपायुक्त अमित खत्री की बार-बार अपील और चेतावनी के बावजूद कॉलोनियों, मोहल्लों और गांवों में स्थित कुछ कारोबारियों द्वारा ग्राहकों से वस्तुओं के अधिक मूल्य लिए जा रहे हैं। अगर ग्राहक रेट अधिक होने की बात कहता है तो दुकानदार उनसे यह कहने में देर नहीं लगाता कि, जहां सस्ता मिल रहा है वहीं से ले लो। कर्मचारियों को मिले पूरा वेतन

गुरुग्राम स्थित आइटी-बीपीओ, कॉल सेंटर, मल्टीनेशनल एवं टेलीकॉम कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम होने से इन कंपनियों को विभिन्न प्रकार की सेवा प्रदान करने वाले खाली हो गए हैं। इसमें टैक्सी, कैटरिग, सिक्योरिटी और हाउस कीपिग के काम से जुड़े हुए लोग शामिल हैं। गुरुग्राम में ऐसे कर्मचारियों की संख्या हजारों में है। फिलहाल इसके पास अभी कोई काम नहीं हैं। ऐसे कर्मियों को लेकर हाइटेक इंडिया, हरियाणा द्वारा इन कंपनियों के प्रबंधन से मांग की गई है कि इनके वेतन में न किसी प्रकार की कटौती की जाए और न ही इनको निकाला जाए। हाइटेक इंडिया के अध्यक्ष प्रदीप यादव ने सरकार से इसके बदले में कंपनियों को टैक्स में राहत देने की अपील की है। उनका कहना है कि यदि ऐसा होता है तो कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई विषम परिस्थिति में किसी का रोजगार नहीं छिनेगा और न ही उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। सफाई को तरस रहा औद्योगिक क्षेत्र

कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लोगों को साफ-सफाई बरतने के प्रति जागरूक करने का काम जिला प्रशासन द्वारा लगातार किया जा रहा है। वहीं शहर में साफ-सफाई व्यवस्था को सुनिश्चित करने वाला नगर निगम सोया हुआ है। सेक्टर-37 औद्योगिक क्षेत्र की सफाई व्यवस्था इस समय भी चरमराई हुई है। उद्यमियों को लग रहा था कि ऐसे माहौल में औद्योगिक क्षेत्र की साफ-सफाई व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी मगर ऐसा नहीं हुआ। अभी भी औद्योगिक क्षेत्र में हर तरफ कूड़ा-कचरा बिखरा पड़ा है। इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एसोसिएशन सेक्टर-37 के चेयरमैन दीपक मैनी का कहना है कि इस क्षेत्र में सरकार द्वारा लगभग 40 सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गईं है। इनमें से चुनिदा ही कभी-कभी आते हैं। सफाई का यह हाल तब है जब लॉकडाउन के कारण सौ फीसद औद्योगिक इकाइयां बंद हैं। दीपक बताते हैं कि औद्योगिक एसोसिएशन द्वारा बार-बार शिकायत के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।


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