बैलेंस शीट: यशलोक सिह
गुरुगाम के औद्योगिक क्षेत्रों में भले ही नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित नहीं हो रही हों मगर यहां शराब के ठेके धड़ाधड़ खुल रहे हैं।
औद्योगिक एरिया में शराब के ठेके मुसीबत
गुरुग्राम के औद्योगिक क्षेत्रों में भले ही नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित नहीं हो रही हों, मगर यहां शराब के ठेके धड़ाधड़ खुल रहे हैं। इस मामले में सेक्टर-37 औद्योगिक क्षेत्र सबसे अधिक 'भाग्यशाली' प्रतीत होता है। इस औद्योगिक क्षेत्र के 200 मीटर के दायरे में शराब के आठ ठेके खुल गए हैं। बात यहीं खत्म नहीं होती। यहां तो दो फैक्टरियों के बीच भी एक शराब का ठेका खुल गया है। इससे उद्यमी जहां काफी परेशान हैं वहीं जाम छलकाने के शौकीनों की खुशी देखते ही बन रही है। सुबह से लेकर शाम तक इन ठेकों पर रौनक रहती है। एक मार्च को सिविल लाइन स्थित जिला स्वतंत्रता सेनानी भवन में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता कृष्ण गोपाल अग्रवाल ने उद्यमियों के साथ केंद्रीय और राज्य बजट पर चर्चा की। इस दौरान इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एसोसिएशन के चेयरमैन दीपक मैनी ने उनके सामने भी इन शराब के ठेकों का मुद्दा उठाया था। गारमेंट इंडस्ट्री में वर्कफोर्स की कमी
गारमेंट इंडस्ट्री का संचालन करने वाले उद्यमी इन दिनों बहुत परेशान हैं। उनकी फैक्टरियों में कर्मचारियों की भारी कमी हो गई है। ऐसे में ऑर्डर पूरा करना उनके लिए बहुत मुश्किल हो रहा है। गारमेंट फैक्टरियों में काम करने वाले सबसे ज्यादा कर्मचारी बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल से हैं। हर साल की तरह इस बार भी होली की छुट्टी पर वह जा रहे हैं। वहीं कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए जो पहले कभी होली की छुट्टी पर घर नहीं जाते थे, वह भी इस बार जा रहे हैं। ईस्ट एंड वेस्ट गारमेंट एक्सपोर्ट कंपनी के महाप्रबंधक सत्येंद्र सिंह बताते हैं कि इस समय फैक्टरियों में 20 से 25 फीसद वर्करों की कमी हो गई है। इससे उत्पादन तेजी से प्रभावित होने लगा है। यदि कोरोना वायरस का खौफ जल्द ही कम नहीं हुआ को गारमेंट इंडस्ट्री में कामकाज के पूरी तरह से ठप होने का अंदेशा है।
कब बनेगा मेगा लेदर क्लस्टर
इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (आइएमटी) सोहना के 105 एकड़ क्षेत्र में मेगा लेदर क्लस्टर विकसित करने की योजना लगभग ढाई साल पहले बनाई गई थी। यह योजना कहां तक पहुंची है, क्लस्टर विकसित होगा भी या नहीं इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। उद्यमियों का कहना है कि लेदर क्लस्टर को लेकर सरकार की ओर से भी कोई नई जानकारी नहीं मिल रही है। पहले तो बड़े-बड़े दावे किए गए थे कि जल्द ही लेदर क्लस्टर स्थापित होगा। बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे नए निवेश के अवसर भी बढ़ेंगे। 2018 में इसकी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली गई थी। उद्योग जगत की ओर से पूछा जा रहा है कि इस क्लस्टर को स्थापित करने में देरी कहां हो रही है। हरियाणा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के चेयरमैन किशन कपूर का कहना है कि प्रदेश सरकार यह बताए कि यह क्लस्टर स्थापित होगा भी या नहीं।
ठगों के निशाने पर उद्यमी
गुरुग्राम में ऑनलाइन ठगी के साथ-साथ शातिर ठगों का भी दायरा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसा करने वालों का हौसला इस कदर बुलंद हो गया है कि अब वह सरकारी विभागों के नाम पर भी अपना ठगी का जाल फैलाने से संकोच नहीं कर रहे हैं। उद्योग विहार के कुछ उद्यमियों को दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के नाम से एक नोटिस मिला है, जिसमें कहा गया है कि ट्रांसफर और 11 केवी उपकरणों का मेंटिनेंस किया जाएगा। इसके लिए उन्हें सभी प्रकार की तैयारी पूरी करनी होगी। ऐसा नहीं करने वाले उद्यमियों पर फाइन लगाया जाएगा, ऐसा उस नोटिस में लिखा गया है। गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण यादव का कहना है कि जब उन्होंने इस नोटिस के बारे में बिजली निगम के अधिकारियों से बात की तो उन्हें पता चला कि इस प्रकार का कोई नोटिस बिजली निगम की ओर से जारी नहीं किया है।