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ऑटोमोबाइल क्षेत्र को जीएसटी दर में कटौती से मिलेगी ऑक्सीजन

ऑटोमोबाइल क्षेत्र में लगभग नौ माह पूर्व ही सुस्ती का क्रम आरंभ हो गया था।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Sep 2019 05:51 PM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 06:46 AM (IST)
ऑटोमोबाइल क्षेत्र को जीएसटी दर में कटौती से मिलेगी ऑक्सीजन
ऑटोमोबाइल क्षेत्र को जीएसटी दर में कटौती से मिलेगी ऑक्सीजन

यशलोक सिंह, गुरुग्राम

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ऑटोमोबाइल क्षेत्र में लगभग नौ माह पूर्व सुस्ती का क्रम आरंभ हुआ था। समय रहते भविष्य में इसके नकारात्मक प्रभाव का उस समय सटीक आकलन नहीं किया जा सका। इसी का दुष्परिणाम है कि आज यह मंदी ऑटोमोबाइल क्षेत्र को 19 वर्ष बाद एक बार फिर से बड़ी चुनौती बन गई है। कार-दोपहिया वाहनों की मांग में 30 फीसद से अधिक की गिरावट है। ऐसे माहौल में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को 28 फीसद से 18 फीसद करने की मांग उद्यमियों द्वारा लगातार की जा रही है। उनका मानना है कि अगर सरकार ऐसा कर दे तो ऑटोमोटिव क्षेत्र को ऑक्सीजन मिल जाएगी, जिससे मंदी के बादल छंटने लगेंगे।

केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा ऑटोमोबाइल क्षेत्र को गति देने के लिए पिछले दिनों कुछ घोषणाएं की गईं थीं। इनमें बीएस6 इंजन को लेकर बीएस4 इंजन के बारे में ग्राहकों की जो दुविधा थी, उसका निवारण किया गया व सरकारी विभागों में वाहनों की खरीद पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया गया। ऑटोमोटिव इंडस्ट्री ने केंद्र सरकार के इस कदम का स्वागत किया है साथ यह भी कहा है कि सिर्फ इतने से ही बात नहीं बनने वाली। असली राहत तब मिलेगी जब उत्पादन से लेकर सेल प्वाइंट तक जीएसटी दर को 18 फीसद के दायरे में लाया जाएगा।

यह माहौल कब तक जारी रहेगा इसे लेकर उद्यमियों की राय अलग-अलग है। किसी को फेस्टिवल सीजन तक स्थिति में सुधार तो किसी को इसमें दो से तीन माह लगने की संभावना नजर आ रही है। पिछले साल जुलाई की तुलना में चालू वर्ष की जुलाई में कारों की बिक्री 35.95 फीसद गिरी है। वहीं कॉमर्शियल वाहनों की बिक्री में 37.48 फीसद की कमी आई है। यह आंकड़ा ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के लिए बहुत डरावना है।

मानेसर (गुरुग्राम) देश का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल हब है। यहां देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति का प्लांट है। वहीं हीरो मोटोकॉर्प और होंडा मोटरसाइकल एंड स्कूटर का प्लांट भी यहीं पर है। सभी बड़ी वाहन निर्माता कंपनियों के प्लांट में होने वाले उत्पादन में 25 फीसद से अधिक की कटौती की गई है। इसका असर ऑटो एंसिलरी क्षेत्र पर भी पड़ा है। सरकार से राहत की उम्मीद कर रही ऑटोमोबाइल कंपनियों द्वारा अपने स्तर पर भी मंदी से निपटने के लिए काफी कुछ किया जाए, जिससे कि इसे मात दी जा सके। ऐसे खर्चों में कटौती की जा रही है जो अधिक जरूरी नहीं हैं। स्टॉक में कमी की जा रही है। वहीं परचेज के मामले में भी काफी एहतियात बरती जा रही है। ठेके पर कार्यरत कर्मचारियों को स्थिति सुधरने तक छुट्टी पर भेज दिया गया है।

ऑटोमोबाइल निर्यात पर असर नहीं

ऑटोमोबाइल निर्यात पर मंदी का कोई असर नहीं है। गुरुग्राम में ऑटोमोबाइल क्षेत्र की लगभग डेढ़ सौ औद्योगिक इकाइयां हैं जो दुनिया के कई देशों को ऑटो कंपोनेंट्स (उपकरण) व स्पेयर पा‌र्ट्स निर्यात करती हैं। यहां से इनका निर्यात अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, पोलैंड, कनाडा, फ्रांस, स्पेन, अरब एवं अफ्रीकी देशों को भी किया जाता है। भारत द्वारा लगभग 160 देशों को ऑटो कंपोनेंट्स निर्यात किए जाते हैं। वर्ष 2026 तक यह निर्यात 70 से 80 बिलियन अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है।

ऐसा लग रहा है कि आर्थिक मंदी के बादल जल्द छंटने लगेंगे। धीरे-धीरे ऑटोमोबाइल सेक्टर भी गति पकड़ने लगेगा। केंद्र सरकार द्वारा इस प्रकार के माहौल से निपटने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इससे उम्मीद की जा रही है कि माहौल आने वाले कुछ दिनों में सामान्य हो जाएंगे। मेरी सरकार से अपील है कि वह ऑटोमोबाइल क्षेत्र को जीएसटी दर घटा कर त्वरित राहत दे। इससे खरीदार मार्केट में आने लगेंगे। फिलहाल मंदी को लेकर अधिक परेशान होने की जरूरत नहीं है।

विकास जैन, अध्यक्ष, गुड़गांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

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ऑटोमोबाइल सेक्टर बुरे दौर से गुजर रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है लोगों के बीच फील गुड फैक्टर का अभाव है। ऐसी स्थिति में सरकार का सबसे बड़ा काम यह होना चाहिए कि लोगों के बीच विश्वास पैदा करे। यह विश्वास तक आएगा जब मार्केट में आर्थिक तरलता बढ़ेगी। अभी तक केंद्र सरकार द्वारा इस सेक्टर में जान फूंकने को लेकर जो भी प्रयास किए गए है वह अधिक कारगर नहीं है।

रोहित भाटिया, सीईओ, ओनेसिस ऑटो प्राइवेट लिमिटेड

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मेरा मानना है कि उतनी मंदी नहीं है जितना हौवा खड़ा किया जा रहा है। फेस्टिवल सीजन तक स्थिति सामान्य हो जाएगी। जो स्थिति आज बनी है, वह दुविधा के कारण है। लोगों को लग रहा है इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में आने वाला है। इसके इंतजार में लोग रुक गए। वहीं बीएस6 इंजन को लेकर भी लोगों में असमंजस की स्थिति है। अब सरकार ने इस मामले में स्थिति स्पष्ट कर दी है।

मनमोहन गेंद, महासचिव, मानेसर इंडस्ट्रियल वेलफेयर एसोसिएशन

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ऑटोमोबाइल क्षेत्र की स्थिति में तब तक सुधार नहीं होगा जब तक सरकार वाहन खरीदारों को मार्केट में लाने वाला प्रावधान नहीं करेगी। लंबे समय से मांग की जा रही है कि सरकार ऑटो सेक्टर में प्रभावी 28 फीसद जीएसटी को 18 फीसद के स्तर पर लाए। ऐसा होगा तो उत्पादन करने वाली कंपनियों से लेकर ग्राहकों तक को फायदा होगा।

दीपक मैनी, महासचिव, गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन


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