आटोमोबाइल क्षेत्र की गतिशीलता बरकरार रहने की उम्मीद
कोविड-19 महामारी के प्रभाव से आटोमोबाइल क्षेत्र पूरी तरह से उबर चुका है। अब वह अपनी पूरी लय में है। त्योहारी सीजन में कार से लेकर दोपहिया वाहनों तक की मांग बाजार में भरपूर रही। इस क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों का कहना है कि नए साल में भी वाहनों की मांग में इसी प्रकार से तेजी बरकरार रहने की उम्मीद जा रही है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : कोविड-19 महामारी के प्रभाव से आटोमोबाइल क्षेत्र पूरी तरह से उबर चुका है। अब वह अपनी पूरी लय में है। त्योहारी सीजन में कार से लेकर दोपहिया वाहनों तक की मांग बाजार में भरपूर रही। इस क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों का कहना है कि नए साल में भी वाहनों की मांग में इसी प्रकार से तेजी बरकरार रहने की उम्मीद जा रही है। इसके बावजूद आटोमोबाइल क्षेत्र को इस बात का डर सता रहा है कि जिस प्रकार से स्टील, रबर, एल्युमिनियम और प्लास्टिक जैसे कच्चे माल के भाव में तेजी से इजाफा होता जा रहा है, उससे वाहनों की कीमत में वृद्धि होने की संभावना बढ़ गई है। ऐसा होता है तो बाजार में वाहनों की मांग पर किस प्रकार का असर आएगा, यह देखने वाली बात होगी। इसी पर आटोमोबाइल क्षेत्र का भविष्य निर्भर करेगा। इस प्रकार की स्थिति से बचने के लिए आटोमोबाइल क्षेत्र के लोगों द्वारा लगातार केंद्र सरकार से कच्चे माल की कीमत को नियंत्रित करने की मांग की जा रही है।
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आटोमोबाइल क्षेत्र कोविड-19 महामारी से पूरी तरह से उबर चुका है। इसका साफ असर त्योहारी सीजन में दिखा। कारों से लेकर दोपहिया वाहनों तक की मांग में भारी तेजी आई। वहीं बड़ी वाहन निर्माता कंपनियों की ओर से सहायक कंपनियों को भरपूर काम मिल रहा है। नए साल में इसी प्रकार की गतिशीलता के बने रहने की उम्मीद है।
एसके आहूजा, महासचिव, गुड़गांव चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री
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कच्चे माल की बढ़ती कीमत में अप्रत्याशित वृद्धि से उद्योग जगत खासकर आटोमोबाइल क्षेत्र काफी परेशान है। इनके भाव को नियंत्रित करना जरूरी है। यदि ऐसा नहीं होगा तो वाहनों की कीमत में तेजी आने की संभावना बढ़ जाएगी। यदि ऐसा हुआ तो बाजर में इनकी मांग पर भी असर पड़ सकता है।
मनोज जैन, डायरेक्टर, सुप्रीम रबर