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कमजोर इंफार्मेशन सिक्योरिटी से बीपीओ सेक्टर साइबर फ्रॉड की जद में

यशलोक ¨सह, गुरुग्राम बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) देश का तेजी से उभरता सेक्टर है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Mar 2018 06:33 PM (IST)Updated: Thu, 29 Mar 2018 06:33 PM (IST)
कमजोर इंफार्मेशन सिक्योरिटी से बीपीओ सेक्टर साइबर फ्रॉड की जद में

यशलोक ¨सह, गुरुग्राम

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बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) देश का तेजी से उभरता सेक्टर है। यह लगातार साइबर फ्रॉड की गिरफ्त में आता जा रहा है। इस मामले में दिल्ली-एनसीआर (गुरुग्राम-नोएडा) व कोलकाता का बीपीओ हब सबसे अधिक संवेदनशील हैं। बीपीओ कंपनियों में साइबर सिक्योरिटी से जुड़े मानकों का ठीक से पालन नहीं किया जा रहा है। वहीं इनमें कार्यरत कर्मचारियों को साइबर फ्रॉड को जानकारी का भारी अभाव है। बीपीओ में कार्यरत नवोदित कर्मचारियों व इनमें नौकरी के लिए आवेदन करने वाले इस मामले में काफी कच्चे होते हैं। इनके मुकाबले थोड़े पुराने कर्मचारी साइबर फ्रॉड को लेकर कुछ सजग हैं। साइबर फ्रॉड को देखते हुए बीपीओ इंडस्ट्री को अपने यहां कर्मचारियों की भर्ती के मापदंड में भी बदलाव करना चाहिए।

यह बातें एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) और माइक्रोसॉफ्ट के संयुक्त सर्वे से सामने आईं हैं। सर्वे बीपीओ के बारे में मुख्य रूप से तीन चीजों को जानने के किया गया। बीपीओ सेक्टर में काम करने वालों की साइबर सिक्योरिटी के मामले में क्या धारणा है। साइबर सुरक्षा के संभावित खतरों को समझना और बीपीओ सेक्टर पर इसके प्रभाव का आकलन करना। सर्वे का अंतिम उद्देश्य साइबर फ्रॉड मामले में बीपीओ कर्मचारियों में ज्ञान स्तर को जानना था। सर्वे का जो परिणाम आया उसमें पाया गया कि बीपीओ में इंफार्मेशन का दुरुपयोग आसानी से किया जा सकता है। कर्मचारी कस्टमर के इंफार्मेशन का दुरुपयोग कर सकते हैं और उनका अमाउंट भी असानी से अपने व्यक्तिगत खाते में ट्रांसफर भी कर सकते हैं।

जहां तक है¨कग की बात है यह उतना आसान नहीं है। जब तक कि कंपनी का कोई दक्ष आइटी पेशेवर इसमें शामिल ना हो। बीपीओ में होने वाले फ्रॉड में ऐसे लोगों के शामिल होने की संभावना काफी रहती है। बीपीओ में वायरस अटैक ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को प्रभावित करते हैं। एसोचैम-माइक्रोसॉफ्ट अधिकारियों का कहना है कि सर्वे में गुरुग्राम और नोएडा व कोलकाता के बीपीओ को शामिल किया गया था। बीपीओ में किसी व्यक्ति या कंपनी द्वारा डाटा ऑनलाइन एक ही स्थान पर स्टोर किया जाता इसे हैक करना किसी हैकर के लिए काफी आसान हो जाता है। सर्वे में दिया गया सुझाव कैसे बचें साइबर फ्रॉड से

गुरुग्राम-नोएडा और कोलकाता के बीपीओ हब के सर्वे के बाद एसोचैक-माइक्रोसॉफ्ट द्वारा साइबर फ्रॉड से बचाव के लिए कई प्रकार के सुझाव दिए गए हैं। जिनमें से प्रमुख हैं :

-वर्क स्टेशन पर मोबाइल फोन, पैन ड्राइव व किसी प्रकार के गैजेट्स को लेकर आने पर पूरी तरह से रोक

-किसी प्रकार के डिवाइस और सोशल मीडिया के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करना

-पेन, पेपर तक पर बैन

-ऑफिस के अंदर आने और जाने के दौरान कर्मचारियों और उनके बैग की जांच

-जितनी भी कॉल कर्मचारी करे वह एक्सेल शीट पर नियमित रूप से दर्ज किया जाए

-कर्मचारी द्वारा कस्टमर को किए जा रहे कॉल को रिकार्ड करना उसकी मॉनिट¨रग करना

-वर्क स्टेशन पर कर्मचारी की हर गतिविधि को सीसीटीवी कैमरे की जद में लाना

-गैर-वांछित एरिया में कर्मचारियों के आने-जाने पर रोक

-कर्मचारी जिस सिस्टम पर बैठता है वह आधार व बायोमेट्रक्स से ¨लक हो जिससे पता चले कि किसने उसे ऑपरेट किया है

-डाटा चोरी करने या उसके साथ छेड़छाड़ करने वाले कर्मचारी को तुरंत प्रभाव ने कंपनी से निकाल देना चाहिए

-डाटा चोरी करने वाले कर्मचारी को इंडस्ट्री एसोसिएशन के माध्यम से ब्लैक लिस्ट कर देना चाहिए

-हर कंपनी में एक साइबर सेल होनी चाहिए जो किसी भी प्रकार के है¨कग की कोशिश को नाकाम कर सके

-कर्मचारियों को डाटा सिक्योरिटी और डाटा फ्रॉड के बारे में प्रशिक्षण दिया जाए

-कंपनी में समय-समय पर वर्कशॉप और सेमीनार का आयोजन किया जाए


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