खतरनाक है हवा में धूलकण के साथ हैवी पार्टिकल्स का शामिल होना
गुरुग्राम के उन इलाकों में जहां मलबा डं¨पग हो रही है, वहां की हवा व्यक्ति को गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकती है। पर्यावरण जागरुकता में जुटे कई संगठन निर्माण कार्यों नियमों के पालन और रिहायशी इलाकों में मलबा डं¨पग को बंद करने की मांग कर रहे है। अपने आठ सूत्री मांगों को लेकर सिटिजन फॉर क्लीन एयर ने 25 हजार हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन भी प्रशासन को दिया था। लंग्स केयर फाउंडेशन द्वारा की गई हवा की जांच रिपोर्ट भी ऐसे खतरनाक संकेत दे रही है। जिसमें मलबा के धूलकण के साथ स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक हैवी मेटल्स की उपस्थिति बताई गई है।
पूनम, गुरुग्राम
शहर के वह इलाके जहां मलबा डं¨पग हो रहा है, वहां की हवा व्यक्ति को गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकती है। पर्यावरण जागरुकता के लिए जुटे कई संगठन निर्माण कार्यों में नियमों के पालन और रिहायशी इलाकों में मलबा डं¨पग को बंद करने की मांग कर रहे हैं। सिटीजन फॉर क्लीन एयर ने आठ सूत्रीय मांगों को लेकर 25 हजार हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन भी प्रशासन को दिया था। लंग्स केयर फाउंडेशन द्वारा की गई हवा की जांच रिपोर्ट भी ऐसे खतरनाक संकेत दे रही है जिसमें मलबा के धूलकण के साथ स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक हैवी पार्टिकल्स की उपस्थिति बताई गई है। सेक्टर-67 में मलबा डं¨पग के कारण की कराई थी जांच
सेक्टर-67 की सोसायटी पार्क व्यू स्पा के लोगों के कहने पर दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टरों के नेतृत्व में सेक्टर की हवा की जांच की गई। यहां हवा में धूल के साथ टॉक्सिक हैवी पार्टिकल्स पाए गए हैं। निर्माण सामग्री गिरने की वजह से हवा में धूल कण की मात्रा भी ज्यादा थी। यह लोगों के श्वसन तंत्र में जाकर नुकसान पहुंचा रहे हैं। लोगों ने इसके समाधान के लिए एनजीटी से गुहार लगाई है। डेथ इन एवरी ब्रीद ने प्रशासन को चेताया
नवंबर और दिसंबर 2018 में दिल्ली और गुरुग्राम में सात जगहों की हवा के नमूने लिए गए थे। दीपावली पर हवा में प्रदूषण जांचने के लिए यह सर्वे किया गया था। दिल्ली के सफदरजंग एनक्लेव, गुरुग्राम में डीएलएफ फेज पांच और सेक्टर 67 से नमूने लिए गए थे। पीएम 2.5 मानकों के अनुसार ज्यादा होने के साथ ही इसमें हैवी पार्टिकल्स बहुत पाए गए। इस सर्वे रिपोर्ट को डेथ इन एवरी ब्रीद का शीर्षक दिया गया है जिसे लंग केयर फाउंडेशन ने जनवरी 2019 में जारी किया है। इस सैंपल में सात में से पांच साइट की हवा बहुत ही खतरनाक बताई गई है। दीपावली के समय हुई जांच में पटाखों के कारण हवा में पार्टिकल्स जैसे आर्सेनिक व लेड की मात्रा मिली थी। इसकी रिपोर्ट अब आई है। आमतौर पर गुरुग्राम की हवा में ये चीजें नहीं है। आर्सेनिक से कैंसर होता है। लेड किडनी पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है।
- सचिन पवार, एयर पॉलुशन एक्सपर्ट (डायलॉग ऑफ क्लीन एयर)