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आखिर कब तक मौत के शिकार होते रहेंगे वन्य जीव?

वन विभाग की उदासीनता से अरावली पहाड़ी क्षेत्र में वन्य जीवों की संख्या कम होती जा रही है। बुधवार सुबह भी गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर एक तेंदुआ वाहनों की चपेट में आ गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 07:23 PM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 07:23 PM (IST)
आखिर कब तक मौत के शिकार होते रहेंगे वन्य जीव?
आखिर कब तक मौत के शिकार होते रहेंगे वन्य जीव?

आदित्य राज, गुरुग्राम

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वन विभाग की उदासीनता से अरावली पहाड़ी क्षेत्र में वन्य जीवों की संख्या कम होती जा रही है। बुधवार सुबह भी गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर एक तेंदुआ वाहनों की चपेट में आ गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि सड़क के दोनों किनारों पर न ही सही से जाली की सुविधा है और न ही कहीं भी पुलिया का प्रावधान है ताकि वन्य जीव पुलिया से होकर सड़क पार कर सकें।

कई साल से इलाके में सक्रिय पर्यावरण कार्यकर्ता प्रो. केके यादव, वैशाली राणा एवं विवेक कंबोज आदि अरावली इलाके से गुजरने वाली सड़कों में वन्य जीवों के हिसाब से जगह-जगह पुलिया बनाने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली-जयपुर हाईवे, गुरुग्राम-फरीदाबाद हाईवे सहित कई सड़कें अरावली पहाड़ी क्षेत्र से होकर गुजरती हैं। किसी भी सड़क में वन्य जीवों के हिसाब से पुलिया का प्रावधान नहीं है। जबकि दिल्ली-जयपुर हाईवे पर वाहनों की चपेट में आकर चार जबकि गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर दो तेंदुए मौत के शिकार हो चुके हैं। चार से अधिक तेंदुए रिहायशी इलाकों में आने पर या फिर अरावली पहाड़ी क्षेत्र के ही गड्ढे में गिरने से मौत के शिकार हो चुके हैं। स्थानीय स्तर से भेजे जा चुके कई सुझाव

वन्य जीवों की रक्षा को लेकर वन विभाग की गुरुग्राम वन्य जीव शाखा कई बार चंडीगढ़ सुझाव भेज चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं। सुझावों के मुताबिक अरावली पहाड़ी क्षेत्र में जहां पर भी वन्य जीवों का गलियारा है (वाइल्ड लाइफ कारिडोर) यानी जहां से वन्य जीव सड़क पार करते हैं, वहां पर न सिर्फ सड़क के दोनों किनारों पर जाली लगाई जाए, बल्कि पुलिया का प्रावधान भी किया जाए। वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार किसी भी स्तर पर गंभीर नहीं दिख रही है। यदि गंभीर होती तो वाहनों की चपेट में आकर तेंदुए मौत के शिकार नहीं होते। जहां से भी वन्य जीव सड़क पार करते हैं, वहां पर पुलिया का प्रावधान किया जाए।

वैशाली राणा, पर्यावरण कार्यकर्ता वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर जल्द ही अरावली से निकलने वाली सड़कों पर पुलिया का प्रावधान कराया जाएगा। साथ ही सांकेतिक बोर्ड लगाए जाएंगे।

एमएस मलिक, मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी), गुरुग्राम


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