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पांच माह बाद भी नहीं बनाई गई मानेसर नगर निगम की सलाहकार समिति

नगर निगम मानेसर का गठन प्रदेश सरकार द्वारा पिछले साल दिसंबर माह में कर दिया गया था। निगम का गठन होने के बाद स्थानीय लोगों ने सोचा था कि उनको सुविधा मिलेगी लेकिन सुविधा मिलना तो दूर कोई शिकायत सुनने वाला भी नहीं मिल रहा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 06:46 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 07:39 PM (IST)
पांच माह बाद भी नहीं बनाई गई मानेसर नगर निगम की सलाहकार समिति
पांच माह बाद भी नहीं बनाई गई मानेसर नगर निगम की सलाहकार समिति

जागरण संवाददाता, मानेसर: नगर निगम मानेसर का गठन प्रदेश सरकार द्वारा पिछले साल दिसंबर माह में कर दिया गया था। निगम का गठन होने के बाद स्थानीय लोगों ने सोचा था कि उनको सुविधा मिलेगी लेकिन सुविधा मिलना तो दूर कोई शिकायत सुनने वाला भी नहीं मिल रहा। दिसंबर माह में निगम का गठन होने के बाद मानेसर पहुंचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की थी 21 लोगों की सलाहकार समिति बनेगी जो लोगों और निगम के अधिकारियों के बीच सेतु की तरह काम करेगी। पांच माह से अधिक समय बाद भी ऐसा नहीं हुआ।

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मानेसर क्षेत्र के 29 गांवों और 17 सेक्टरों को जोड़कर निगम क्षेत्र का गठन किया गया है। निगम का गठन हुए करीब छह माह का समय बीत चुका है। अभी तक निगम के अधिकारियों की तरफ से मानेसर में कार्यालय भी शुरू नहीं किया गया है। एचएसआइआइडीसी कार्यालय में निगम का कार्यलय बनाया गया है लेकिन यहां अभी स्टाफ नहीं है। इसके कारण लोगों को शिकायत करने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। निगम से पहले सभी गांवों में ग्राम पंचायत थी और सरपंच सभी प्रकार के कार्य करते थे। अब सरपंचों से कार्यभार लेकर निगम को सौंप दिया गया है।

निगम के चुनाव नहीं होने से लोगों की समस्या को देखते हुए उद्यमियों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से समाधान करने की मांग की थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 21 लोगों (जिनमें उद्यमी, सरपंच, आरडब्ल्यूए अध्यक्ष और क्षेत्र के मौजिज लोग) की समिति बनाने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि जब तक चुनाव नहीं होंगे तब तक इसी समिति के साथ विचार विमर्श कर क्षेत्र में कार्य किए जाएंगे और इसी कमेटी के सदस्यों के सामने क्षेत्र के लोग समस्या रख सकेंगे।

पूरे क्षेत्र में बिगड़ी सफाई व्यवस्था

मानेसर नगर निगम के क्षेत्र में 29 गांव शामिल किए गए हैं। इन गांवों में ग्राम पंचायत के समय सफाई कर्मी नियुक्त किए गए थे जो रोजाना सफाई करते थे और कचरे का निष्पादन करते थे। अब निगम द्वारा अपने सफाईकर्मी लगाए गए हैं लेकिन गांवों में भी तक सफाईकर्मी नहीं पहुंचे हैं। पहले से नियुक्त सफाईकर्मियों को तनख्वाह नहीं मिलने से काफी परेशान होना पड़ रहा है। सफाईकर्मी कम होने से सभी गांवों में सफाई व्यवस्था की हालत काफी खराब है। लोग शिकायत करने के लिए भी भटकते रहते हैं। नगर निगम का गठन दिसंबर माह में किया गया था। फरवरी में आइएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उक्त घोषणा की थी। निगम और लोगों के बीच जनप्रतिनिधि या शिकायत सुनने वाला जरूर होना चाहिए। जल्द से जल्द सलाहकार समिति का गठन किया जाना चाहिए।

पवन यादव, अध्यक्ष, आइएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन निगम के अधिकारी लोगों से मिलते नहीं है। कुछ लाकडाउन का बहाना हो गया और लोगों से नहीं मिलने व शिकायत नहीं सुनने से लोगों को मजबूरी में परेशान होना पड़ रहा है। जमीनी स्तर पर लोगों के काफी ऐसे कार्य होते हैं जिन्हें जनप्रतिनिधि ही करवा सकता है।

सुंदरलाल यादव, अध्यक्ष, सरपंच एसोसिएशन, गुरुग्राम


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