Move to Jagran APP

निगम की डायरी: संदीप रतन

निगम में इन दिनों सरकारी वसूली करने वालों के खूब चर्चे हैं। यहां बात हो रही है सीएंडडी वेस्ट (इमारतों का मलबा) फेंकने वालों के चालान काटने वाली एजेंसी की।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 03:49 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 06:16 AM (IST)
निगम की डायरी: संदीप रतन

नर्सरी में अफसर ने बना लिया दफ्तर?

loksabha election banner

ये दफ्तर भला क्या चीज है? हम जहां बैठेंगे वहीं दरबार लग जाएगा। निगम की बागवानी शाखा के जेई, एसडीओ और एक्सईएन ने अपनी मर्जी से शहर में दफ्तर बना लिए हैं। सिविल लाइन में निगम की नर्सरी और सेक्टर 46 की नर्सरी में दफ्तर चल रहे हैं। खास बात ये कि इन दफ्तरों में कंप्यूटर और एसी भी लग गए हैं। सेक्टर 34 में निगम का दफ्तर है। बागवानी के एक्सईएन देवेंद्र भड़ाना का भी दफ्तर इसी में है। लेकिन नर्सरियों में दफ्तर बनाने के लिए अधिकारियों से कोई अनुमति नहीं ली गई है। शहर की आरडब्ल्यूए से लेकर मौजिज नागरिकों की शिकायतें रहती हैं कि एक्सईएन व अन्य स्टाफ ऑफिस में नहीं मिलता। मिलेंगे कहां से जनाब! ठिकाना जो बदल गया है। ऐसे कौन से जरूरी काम हैं, जो निगम दफ्तर में बैठकर नहीं हो सकते। इस बारे में तो बागवानी शाखा या उच्चाधिकारी ही बता सकते हैं। ..तो मनमर्जी चलेगी

निगम में इन दिनों सरकारी वसूली करने वालों के खूब चर्चे हैं। यहां बात हो रही है सीएंडडी वेस्ट (इमारतों का मलबा) फेंकने वालों का चालान काटने वाली एजेंसी की। शहर में और भी तरह के नियम कायदों का उल्लंघन हो रहा है। लेकिन निगम वालों के चश्मे से सिर्फ मलबा ही मलबा दिख रहा है। 20-25 हजार का चालान समझ में आता है, लेकिन यहां तो कोई हिसाब नहीं है। जैकबपुरा में एक व्यक्ति का 2.32 लाख रुपये का चालान कर दिया। पीड़ित लोग प्रगति एजेंसी की थाने और निगमायुक्त से भी शिकायत कर चुके हैं। एक और कारनामा देखिए। चालान करने वाली टीम की निजी गाड़ी पर लिखा है एमसीजी इंफोर्समेंट टीम। प्रदेश सरकार ने सरकारी गाड़ियों पर 'हरियाणा सरकार' लिखने पर भी पाबंदी लगा रखी है। लेकिन एजेंसी ने अपने लिए अलग नियम बना लिए हैं। निगम अधिकारियों ने भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। चयन आयोग से बड़े निगम वाले

जब इसी तरह कर्मचारियों की भर्तियां होनी हैं, तो हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की जरूरत क्या है? नगर निगम में घुमंतू कुत्तों का टीकाकरण व बंध्याकरण करने वाली संस्था सोसायटी फॉर स्ट्रे केनाइन बर्थ कंट्रोल के तहत एक क्लर्क और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नियुक्ति के संबंध में लिए गए साक्षात्कार के बाद लोग कुछ ऐसे ही सवाल उठा रहे हैं। साक्षात्कार 4 अगस्त को निगम कार्यालय में हुआ था, लेकिन इसकी शिकायत निगमायुक्त व मुख्यमंत्री मनोहरलाल को पहले ही भेजी जा चुकी है। खास बात ये है कि निगम कार्यालय रोजगार विभाग के पोर्टल पर भी पंजीकृत नहीं है। चहेतों को नौकरी देने के लिए नियम-कायदे ताक पर हैं। मंडल रोजगार कार्यालय के उपनिदेशक ने भी निगमायुक्त को पत्र भेजकर निगम को रोजगार पोर्टल पर पंजीकृत करने के लिए कहा था, ताकि दोनों पदों के लिए योग्य प्रार्थी दिए जा सकें। फिलहाल शिकायत की जांच चल रही है। नगर निगम की छज्जातोड़ टीम

निगम इंफोर्समेंट टीम आजकल छज्जे तोड़ने से ज्यादा कुछ नहीं कर रही है। कई-कई मंजिला फ्लैट बनते वक्त शिकायतों पर आंख मूंदने वाली इंफोर्समेंट टीम बाद में अवैध मकानों के सिर्फ छज्जे तोड़कर खानापूर्ति कर रही है। सुर्खियों में आने के लिए महज छज्जे व रैंप पर जेसीबी चलाई जा रही है। शहर में कई एकड़ में कट रही कॉलोनियों की खबर भी टीम तक पहुंची है, लेकिन जेसीबी का मुंह इन कॉलोनियों की तरफ नहीं घुमाया जा रहा। ऐसे में इंफोर्समेंट टीम के अधिकारी और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है। शहर के शक्ति पार्क, न्यू कॉलोनी में अवैध कॉलोनी काटकर निर्माण हो रहे हैं। सेक्टर 34 निगम कार्यालय के नजदीक 34 एवेन्यू नाम से एक अवैध कॉलोनी काट दी गई है, और प्लॉट बेचने का काम शुरू है। ये वही जगह है जहां पर पहले भी कई एकड़ में अवैध कॉलोनी काट दी गई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.