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जिले को डार्क जोन से बाहर निकालना बड़ी चुनौती, करने होंगे गंभीर प्रयास

हर बार की तरह से इस बार भी जिला प्रशासन की ओर से भूजल स्तर सुधारने और जल संरक्षण की बात की जा रही है। जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग ने भी अब कहा कि गिरता भूजल स्तर गुरुग्राम जिले के लिए बड़ी चिता का विषय है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 06:43 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 06:43 PM (IST)
जिले को डार्क जोन से बाहर निकालना बड़ी चुनौती, करने होंगे गंभीर प्रयास
जिले को डार्क जोन से बाहर निकालना बड़ी चुनौती, करने होंगे गंभीर प्रयास

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: हर बार की तरह से इस बार भी जिला प्रशासन की ओर से भूजल स्तर सुधारने और जल संरक्षण की बात की जा रही है। जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग ने भी अब कहा कि गिरता भूजल स्तर गुरुग्राम जिले के लिए बड़ी चिता का विषय है। इस मामले में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पर्यावरण एवं जल संरक्षण के क्षेत्र से जुड़े लोगों द्वारा पिछले कई साल से वर्षाजल संरक्षण को लेकर प्रशासनिक स्तर पर गंभीर प्रयास करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि सरकारी स्तर पर गुरुग्राम में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए जोहड़ों और तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। जिले के सभी खंड डार्क जोन की श्रेणी में आते हैं।

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जिला प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा है कि भूमिगत जल स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से जिले में जल्द ही जल संरक्षण को लेकर व्यापक अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान उपायुक्त एवं गुरुजल सोसायटी के चेयरमैन डा. यश गर्ग की देखरेख में सोसायटी की टीम जिला नगर योजनाकार विभाग के साथ मिलकर चलाया जाएगा। कार्ययोजना बनाने को बैठक की

उपायुक्त ने गुरुजल सोसायटी की टीम को निर्देश दिए हैं कि इस दिशा में चरणबद्ध तरीके से कार्ययोजना तैयार करें। वे जिला नगर योजनाकार विभाग के साथ मिलकर जिले में विभिन्न स्थानों पर लगे रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम को चालू हालत में होना सुनिश्चित करने को लेकर एक अभियान चलाएं। उपायुक्त के निर्देशों को अमलीजामा पहनाते हुए सोसायटी की टीम ने जिला नगर योजनाकार (प्लानिग) संजीव कुमार व डीटीपी एन्फोर्समेंट आरएस बाठ के साथ बैठक की है। इस बैठक में रेनवाटर हार्वेस्टिग सिस्टम के मानदंडों के पालन पर चर्चा की गई। साथ ही रेनवाटर हार्वेस्टिग व्यवस्था ठीक है कि नहीं इसकी जांच की जाएगी। डीटीपी प्लानिग ने टीम को सुझाव दिए हैं कि वे ऐसे क्षेत्रों की पहचान करें जहां पर रेन वाटर हार्वेस्टिग की सबसे अधिक जरूरत है। जांच में यदि किसी प्रकार की अनियमितता पाई गई तो हरियाणा बिल्डिग कोड 2017 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। भूजल को लेकर जिले में स्थिति

भूजल स्तर-वर्ष-खंड

35.42- 2010-गुरुग्राम

32.77- 2018-गुरुग्राम

27.74- 2020-गुरुग्राम

-

25.81-2010-सोहना

24.90-2018-सोहना

22.74-2020-सोहना

-

20.75-2010-फरुखनगर

19.92-2018-फरुखनगर

17.43-2020-फरुखनगर

-

37.47-2010-पटौदी

35.49-2018-पटौदी

29.23-2020-पटौदी

(भूजल स्तर मीटर में)


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