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आटोमोटिव क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर भारत' को प्रोत्साहित करने की जरूरत

इंटरनेशनल सेंटर फार आटोमोटिव टेक्नोलाजी (आइकेट) मानेसर द्वारा केंद्रीय बजट-2021-22 में आटोमोटिव क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर वर्चुअल कांफ्रेंस आयोजित की गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 07:08 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 07:08 PM (IST)
आटोमोटिव क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर भारत' को प्रोत्साहित करने की जरूरत
आटोमोटिव क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर भारत' को प्रोत्साहित करने की जरूरत

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: इंटरनेशनल सेंटर फार आटोमोटिव टेक्नोलाजी (आइकेट), मानेसर द्वारा केंद्रीय बजट-2021-22 में आटोमोटिव क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर वर्चुअल कांफ्रेंस आयोजित की गई। औद्योगिक प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को प्रोत्साहित करने की नीति का समर्थन किया। इसका उद्घाटन सोसाइटी आफ इंडियन आटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआइएएम) के उपाध्यक्ष विपिन सोंधी और आटो कंपोनेंट मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसीएमए) के अध्यक्ष दीपक जैन ने किया। कांफ्रेंस में आटोमोबाइल क्षेत्र के कई दिग्गजों ने हिस्सा लिया।

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कांफ्रेंस में अपने विचार रखते हुए आइकेट की वरिष्ठ महाप्रबंधक पामेला टिक्कू ने आम बजट 2021-22 की विशेषता का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि बेहद विषम परिस्थिति में भी केंद्र सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तुत बजट में आटोमोटिव क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्क्रेपेज पालिसी की घोषणा की जो कि एक स्वागतयोग्य कदम है। इससे आने वाले समय में पर्यावरण के अनुकूल वाहनों की मांग तेज गति से बढ़ेगी। इस पालिसी के माध्यम से तकनीकी तौर पर अनफिट वाहन चरणबद्ध तरीके से सड़कों से हट जाएंगे।

स्क्रैपेज पालिसी को लेकर डिजिटल कांफ्रेंस में विशेषज्ञों ने कहा कि दशकों बाद इस दिशा में कदम उठाया गया है। इसका दूरगामी परिणाम दिखाई देगा। इससे कामर्शियल और निजी वाहनों की मांग में तेजी आएगी। बजट में जो दूसरी बड़ी घोषणा की गई है वह 20,000 पैसेंजर बसों की खरीद के लिए 18,000 करोड़ रुपये का आवंटन करना है। इसके लिए पीपीपी माडल पर काम किया जाएगा। निश्चित रूप से इसका प्रभाव भी आटोमोटिव इंडस्ट्री पर देखने को मिलेगा क्योंकि उनके लिए इसमें बहुत अधिक संभावनाएं बनेंगी। बजट में देश में बुनियादी सुविधाओं के विकास की दृष्टि से भी दूरदर्शी कदम उठाया गया है।

कांफ्रेंस में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने आटोमोटिव क्षेत्र पर बजट आवंटन एवं केंद्र सरकार की संबंधित नीतियों से पड़ने वाले वाले प्रभावों पर अपने विचार प्रकट किए। देश में हाइब्रिड एवं इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की गति जैसे विषय पर भी भरपूर चर्चा हुई। इस मौके पर टोयोटा किर्लोस्कर मोटर लिमिटेड के विक्रम गुलाटी, जंप्स आटो इंडस्ट्री के संजय मल्होत्रा, मर्सिडीज बेंज से श्रीकांत देशमुख, सीइआरओ से विजय अरोरा, ईएलवी के एक्सपोर्ट कैप्टन मोहन राम और एसआइएएम (सैम) के महानिदेशक राजेश मेनन ने भी अपने विचार रखे।


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