क्राइम फाइल: आदित्य राज
शहर के कई इलाकों के उद्यमी कुछ ट्रक यूनियनों से परेशान हैं। वे इलाके से बाहर के ट्रकों से न सामान मंगा सकते हैं और न ही सामान बाहर भेज सकते हैं।
उद्यमी बेबस, पुलिस लाचार
शहर के कई इलाकों के उद्यमी कुछ ट्रक यूनियनों से परेशान हैं। वे इलाके से बाहर के ट्रकों से न सामान मंगा सकते हैं, और न ही सामान बाहर भेज सकते हैं। ऐसा करने पर इलाके की ट्रक यूनियनों का उन्हें कोपभाजन बनना पड़ता है। अधिकतर उद्यमी बाहरी हैं इसलिए वे यूनियनों से पंगा लेना नहीं चाहते। वे चाहते हैं कि पुलिस ही ऐसा माहौल बनाए कि कोई मनमानी न करे। कुछ दिन पहले उद्योग विहार इलाके में सहायक पुलिस आयुक्त (उद्योग) राजीव यादव ने उद्यमियों से संवाद किया था। उद्यमियों की ओर से फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्रीज के प्रदेश महासचिव दीपक मैनी ने कहा कि वे लोग ट्रक यूनियनों की मनमानी से परेशान हैं। पुलिस इनके ऊपर लगाम लगाए। इस पर राजीव यादव ने कहा कि उद्यमी शिकायत देंगे तभी तो कार्रवाई होगी। इस पर उद्यमियों ने कहा कि वे लोग फैक्ट्री चलाएं या ट्रक वालों से लड़ाई करें।
कुछ घंटे में ही मिल गया लैपटाप
कहा जाता है कि यदि पुलिस ईमानदारी से प्रयास करे तो बदमाशों को थोड़े ही समय के भीतर काबू किया जा सकता है। कुछ दिन पहले सेक्टर-37 इलाके में संचालित गारमेंट सेक्टर की एक कंपनी के कार्यालय से लैपटाप गायब हो गया था। शिकायत कंपनी के एमडी सौरभ जुनेजा ने सेक्टर-10 थाने में की। पुलिस ने तत्काल प्रयास शुरू किया। कंपनी परिसर व आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली तो एक व्यक्ति लैपटाप उठाते हुए दिखा। उसे दबोच कर पूछताछ की गई तो पता चला कि वह कंपनी में ही काम करता है। इस तरह तत्काल सक्रियता दिखाने से मामला कुछ ही घंटों के भीतर सुलझ गया। पुलिस शहीद फाउंडेशन के अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आरएल शर्मा कहते हैं कि यदि पुलिस अपने इलाके में सक्रिय रहे फिर क्या मजाल की कोई बदमाश कहीं दिख जाए। बदमाश यदि सक्रिय हैं तो साफ है कि इलाके की पुलिस निष्क्रिय है।
भाई चालान कट जाएगा
कहा जाता है कि केवल डंडा चलाने से अपराध पर नियंत्रण संभव नहीं। अपराध नियंत्रण के लिए कानून का माहौल बनाना आवश्यक है। इसका प्रमाण गोल्फ कोर्स रोड है। रोड पर जगह-जगह कैमरे लगा दिए गए हैं। इससे ओवरस्पीड वाहन कैमरे में कैद हो जाते हैं। इससे वाहन चालकों में खौफ दिखने लगा है। अधिकतर चालक निर्धारित गति में ही वाहन चलाते हैं। जिसे पता चलता है कि ओवरस्पीड का चालान सीधे घर पहुंच जाएगा वह गति कम कर लेता है। शनिवार को एक कार चालक तेज गति में गोल्फ कोर्स रोड से निकल रहा था। उसके पीछे चल रही कार के चालक ने आवाज लगाते हुए कहा भाई चालान कट जाएगा। इतना सुनते ही चालक ने गति कम दी। सहायक पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) संजीव बल्हारा कहते हैं कि अधिकतर जगह कैमरे लग चुके हैं। चालक नियंत्रण में वाहन चलाएं। न ओवरटेक करें और न ही ओवरस्पीड में वाहन चलाएं।
मोबाइल से फुर्सत ही नहीं
अंडरपास निर्माण की वजह से महावीर चौक के नजदीक ट्रैफिक व्यवस्था कई दिनों से प्रभावित है। इसे देखते हुए पुलिसकर्मियों को निर्देश हैं कि वे रोटेशन के आधार पर उन सभी स्थानों पर तैनात रहें जहां ट्रैफिक का दबाव ज्यादा बनता है। इसका असर कहीं नहीं दिख रहा है। जब लंबा जाम लग जाता है, तब पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचते हैं। शुक्रवार को गोशाला मैदान के नजदीक ट्रैफिक का दबाव बना हुआ था और पुलिसकर्मी साइड में मोबाइल पर लगे हुए थे। ऐसा देख लोगों के मुख से निकला जब मोबाइल से फुर्सत मिलेगी तभी तो जाम खत्म कराएंगे। पटेल नगर निवासी जसवंत सिंह यह कहते हुए निकल गए कि पुलिस के आला अधिकारी कार्यालय में बैठकर निर्देश जारी कर देते हैं। मौके पर आकर देखते नहीं कि उनके निर्देशों के मुताबिक काम हो रहा है या नहीं। निष्क्रियता कुछ पुलिसकर्मी ही दिखाते हैं और बदनाम पूरा महकमा होता है।