सनसनीखेज हत्याकांड में पुलिस के हाथ खाली
फिरोज गांधी कालोनी में सोमवार को दिनदहाड़े डेयरी संचालक मनीष की हत्या करने वाले नकाबपोश बदमाशों की पुलिस पहचान नहीं कर पाई है। जांच में जुटी छह टीमों में शामिल पुलिस अधिकारियों ने कई तीर चलाए लेकिन कोई भी निशाने पर नहीं लगा।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: फिरोज गांधी कालोनी में सोमवार को दिनदहाड़े डेयरी संचालक मनीष की हत्या करने वाले नकाबपोश बदमाशों की पुलिस पहचान नहीं कर पाई है। जांच में जुटी छह टीमों में शामिल पुलिस अधिकारियों ने कई तीर चलाए लेकिन कोई भी निशाने पर नहीं लगा। इस सवाल का उत्तर पुलिस के पास अभी भी नहीं है कि मनीष की हत्या किसने और क्यों की? कहीं बदमाश किसी और को तो मारने नहीं आए थे और हत्या मनीष की कर गए?
यह तो तय है कि वारदात को देने वाले बदमाश प्रोफेशनल शूटर हैं। वारदात को अंजाम भी इस अंदाज से दिया कि लोगों में खौफ हो जाए और मुंह नहीं खोल सके। अपराध से मनीष का दूर तक नाता नहीं था। उन्हें मारा क्यों गया यह सवाल शहर के लोग भी एक दूसरे पूछ रहे हैं। यह भी हो सकता है कि मनीष की कुछ दिन पहले ही किसी से रंजिश हुई हो और स्वजन उस बात से अनजान रहे हों। पिता के साथ बिनौला लेने आए थे
मनीष के पिता बुधराम ने पुलिस को बताया कि मनीष के साथ वह भैंसों को खिलाने के लिए खल व बिनौला लेने सदर बाजार के पास आए थे। बिनौला सस्ता देख मनीष ने तीन बोरी खरीद ली। बाइक पर बोरी जा नहीं सकती थी जिसके चलते उसने पिता से कहा अधिवक्ता मित्र की कार ले आता हूं। कार लेने के लिए ही वह फिरोजगांधी कालोनी में रहने वाले एडवोकेट शिवजीत सिंह के यहां पहुंचे थे। अगर बदमाश उन्हें मारने के लिए आए थे तो वह कहीं भी मार सकते थे। शिवजीत की कार पर बैठते ही मनीष को क्यों गोलियों से भून दिया गया। पुलिस इस पहलू से भी जांच कर रही है।