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तेंदुए से मुकाबला कर युवक ने अपनी बकरियों की जान बचाई

गांव खेड़ला की अरावली पहाड़ी में कई दिनों से घूम रहा एक तेंदुआ शुक्रवार रात बकरियों के बाड़े में घुस गया। उसने जैसे ही बकरी पर झपट्टा मारा बाड़े में ही सो रहे स्थानीय निवासी जयवीर ने लाठी मार दी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Feb 2021 09:05 PM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2021 09:32 PM (IST)
तेंदुए से मुकाबला कर  युवक ने अपनी बकरियों की जान बचाई
तेंदुए से मुकाबला कर युवक ने अपनी बकरियों की जान बचाई

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: गांव खेड़ला की अरावली पहाड़ी में कई दिनों से घूम रहा एक तेंदुआ शुक्रवार रात बकरियों के बाड़े में घुस गया। उसने जैसे ही बकरी पर झपट्टा मारा, बाड़े में ही सो रहे स्थानीय निवासी जयवीर ने लाठी मार दी। लाठी लगने के बाद तेंदुआ जयवीरपर झपट पड़ा लेकिन वे डरे नहीं। घायल होने के बाद साहस से मुकाबला करते हुए तेंदुए को भागने के लिए मजबूर कर दिया। पूरे इलाके में जहां जयवीर की बहादुरी की चर्चा है वहीं एक बार फिर प्रमाणित हो गया है कि खेड़ला की पहाड़ी में भी काफी संख्या में वन्य जीव हैं।

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पिछले कई दिनों से गांव खेड़ला की पहाड़ी में एक तेंदुआ देखा जा रहा था। इसके बाद भी जयवीर अपनी बकरियों के बाड़े में ही शुक्रवार रात सो गए थे। उनके भाई पवन ने बताया है कि तेंदुए के आते ही जयवीर की नींद टूट गई थी। वह डरकर भागने के बजाय तेंदुए का डटकर मुकाबला किया। यदि मुकाबला नहीं करते तो तेंदुआ बकरियों को शिकार बना लेता।

शनिवार को नागरिक अस्पताल में इलाज कराने के बाद जयवीर फिर जाकर बाड़े में ही सोए। वह बहुत ही साहसी हैं। बता दें कि अरावली पहाड़ी क्षेत्र के मंडावर, मानेसर, बंधवाड़ी, खेड़ला, रायसीना, भोंडसी, शिकोहपुर सहित कई इलाकों में काफी संख्या में वन्य जीव रहते हैं। जिले में अवैध रूप से खनन कार्य पर काफी हद तक रोक लगने की वजह से वन्य जीवों की संख्या बढ़ रही है।

वर्ष 2017 की गणना के मुताबिक अरावली में वन्य जीव

वन्य जीव संख्या

गीदड़ 166

लकड़बग्घा 126

सेहली 91

बिज्जू 61

नेवला 50

तेंदुआ 31

जंगली बिल्ली 26

लोमड़ी 4

भेड़िया 3

लंगूर की प्रजाति 2

गांव खेड़ला की अरावली पहाड़ी में तेंदुआ देखे की जानकारी सामने आई है। सोमवार को एक टीम मौके पर जाएगी। साथ ही पूरे इलाके की छानबीन करेगी। जिस व्यक्ति द्वारा तेंदुए के साथ मुकाबला किए जाने की बात सामने आ रही है, उससे भी बातचीत की जाएगी। अरावली पहाड़ी क्षेत्र में काफी संख्या में वन्य जीव हैं। वन्य जीव जब अपना शिकार देखते हैं तो वे निशाना बनाने का प्रयास करते हैं।

- एमएस मलिक, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव)


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