सूखा व गीला कचरा अलग नहीं किया तो हो सकती है कार्रवाई
घरों से सूखा व गीला कचरा अब अलग-अलग संग्रहित किया जाएगा ।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: घरों से सूखा व गीला कचरा अब अलग-अलग संग्रहित किया जाएगा। वार्ड 23 के सेक्टर-10ए एरिया से इसकी शुरुआत मंगलवार से होगी। इसको लेकर स्थानीय पार्षद अश्विनी शर्मा, नगर निगम के सेनेट्री ऑफिसर अंबिका प्रसाद और इको ग्रीन के प्रतिनिधियों की सोमवार को हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि सेक्टर-10ए के सभी घरों और दुकानों से गीला व सूखा कचरा अलग-अलग संग्रहित किया जाएगा। इसके लिए कचरा प्रबंधन करने वाली इको ग्रीन एनर्जी कंपनी की गाड़ियों में भी सूखे व गीले कचरे के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है। अगर किसी का कूड़ा अलग-अलग नहीं मिला तो नगर निगम की तरफ से उसको सेवाएं नहीं दी जाएंगी और उसका चालान भी काटा जा सकता है।
बता दें कि सभी घरों में गीला व सूखा कचरा अलग-अलग करना जरूरी है। नगर निगम की ओर से लगभग डेढ़ साल पहले भी ये प्रयास किए गए थे लेकिन इसको लागू करने के लिए ज्यादा प्रयास करने की जरूरत है। गीले कचरे से कंपोस्ट तैयारी होती है और इसके अलावा बंधवाड़ी लैंडफिल साइट पर भी सूखे व गीले कचरे को अलग-अलग करने के लिए मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। बंधवाड़ी में सालों पुराने कूड़े के पहाड़ को भी खत्म करने में मदद मिलेगी। --------- -------- कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों की ऑनलाइन निगरानी
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: लॉकडाउन के दौरान घरों से कचरा कलेक्शन और डंपिग प्वाइंट से नियमित रूप से कूड़ा उठवाने के लिए गाड़ियों की ऑनलाइन मॉनीटरिग की जा रही है। शहर में कचरा प्रबंधन इको ग्रीन कंपनी गाड़ियों में लगे जीपीएस के जरिए गाड़ियों की मूवमेंट ट्रैक कर रही है।
इनकी लोकेशन को गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) के सेक्टर-44 स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से देखा जा रहा है। इको ग्रीन की लगभग 350 गाड़ियों से शहर के घरों से कचरा कलेक्शन किया जाता है। इसके अलावा डंपिग प्वाइंट से कचरा उठाने के लिए बड़े ट्रक लगाए गए हैं । 12 घंटें में करना होगा समाधान
जीएमडीए के कंट्रोल सेंटर में नगर निगम से संबंधित शिकायतें भी पहुंच रही हैं। अनिवार्य सेवाएं जैसे स्ट्रीट लाइट, पेयजल, सीवर और घरों से कूड़ा नहीं उठाने जैसी शिकायतों का निपटारा प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिए गए हैं। जीएमडीए के अधिकारियों के मुताबिक शिकायतों का निपटारा 12 घंटे के अंदर करना जरूरी है।