हमारे योद्धा: क्वारंटाइन के बाद ड्यूटी पर लौटे डॉ. नवीन
दस दिन घर में क्वारंटाइन रहने के बाद डॉक्टर फिर मरीजों के इलाज के लिए ड्यूटी पर लौटे और उसी शिद्दत से मरीजों को इलाज देने में लग गएजैसे दस दिन पहले दे करते थे।
अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम
दस दिन घर में क्वारंटाइन रहने के बाद वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. नवीन कुमार फिर मरीजों के इलाज के लिए ड्यूटी पर लौटे और उसी शिद्दत से मरीजों को इलाज देने में लग गए, जैसे दस दिन पहले दिया करते थे। हालांकि डॉक्टर कोरोना वायरस ग्रस्त नहीं थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर व मरीजों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए उन्हें घर पर क्वारंटाइन कर दिया था। डॉ. नवीन कुमार भी विभाग की उस महिला डॉक्टर के साथ काम कर रहे थे जो कोरोना वायरस की चपेट में आ गई थी। उसके बाद डॉ. नवीन की भी जांच कराई गई थी।
डॉ. नवीन कुमार का कहना है कि वह स्वस्थ थे और उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी लेकिन अगले कुछ दिनों में कोरोना वायरस ना हो, इसके लिए घर में रहे। उनके साथ काम करने वाली डॉक्टर कोरोना से ग्रस्त थी, जिसके कारण आशंका थी कि उन्हें भी संक्रमण अगले कुछ दिन में हो सकता है। इसलिए मरीज व स्वयं के लिए घर में रहना ठीक समझा गया था।
डॉ. नवीन ने कहा कि उन्हें मरीजों का इलाज करने में ज्यादा खुशी मिलती है और वह दस दिन से इससे दूर होने के कारण ज्यादा परेशान थे। अब मरीजों को इलाज देने में लग गए। दैनिक जागरण से बातचीत में डॉ. नवीन का दर्द भी झलका। उन्होंने कहा कि वह कोरोनाग्रस्त नहीं थे लेकिन यह बात उनके घर के आस-पास रहने वाले लोगों को समझ नहीं आ रही थी।
डॉक्टर ने कहा कि मुझे स्वयं पता है कि कोरोनाग्रस्त होने के बाद कितनी सावधानी से रहना पड़ता है और कोरोना ग्रस्त नहीं होते हुए मैंने स्वयं को घर के अंदर बंद कर लिया था, ताकि यदि हम चपेट में आएं तो किसी दूसरे को नुकसान नहीं पहुंचे। उसके बाद भी समाज का व्यवहार बहुत ही खराब रहा। मैं कहना चाहता हूं कि अगर कोई कोरोना वायरस से ग्रस्त है और वह अपने घर में बंद है तो वह रह सकता है और इससे किसी पड़ोसी को खतरा नहीं है। ऐसे लोगों से दूरी बना कर रहें पर नफरत नहीं दिखाएं।