जरूरत पर शेल्टर होम के तौर इस्तेमाल होंगे तावड़ू के 20 प्रतिष्ठान
संवाद सहयोगी तावडू़ पलायन करके आ रहे मजदूरों के लिए जिला प्रशासन ने जिले के निजी व सरकारी स्कूलों सहित धर्मशाला व चौपालों को शेल्टर होम बनाने की कवायद शुरू की है।
संवाद सहयोगी, तावडू़ : लॉकडाउन में विभिन्न जगहों से लौट रहे लोगों के ठहरने के लिए जिला प्रशासन ने जिले के निजी व सरकारी स्कूलों के साथ ही धर्मशाला व चौपालों को शेल्टर होम बनाने की कवायद शुरू हो गई है। तावडू़ के ऐसे 20 प्रतिष्ठानों की सूची प्रशासन के पास पहुंच चुकी है, जिसमें 3788 लोगों के ठहरने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इनमें कितनी आवासीय क्षमता व सुविधाएं हैं ये खाका भी सूची के साथ संलग्न है। जरूरत पड़ने पर प्रशासन इन स्थलों को कभी भी शेल्टर होम के रूप में इस्तेमाल कर सकता है। दरअसल तावडू़ से गुजर रहे केएमपी एक्सप्रेस वे व जिले के अन्य शहर या मार्गों से लोगों का अभी भी चोरी छिपे अपने घर लौटने का सिलसिला जारी है। प्रशासन की मंशा है कि लॉकडाउन को पूर्णतया कामयाब करने के लिए लोगों के घर लौटने के सिलसिले पर पूर्ण विराम लगे और बीच रास्ते में फंसे लोगों को शेल्टर होम में ठहराया जाए। यहां समुचित सुविधाएं मिलेंगी। इसी के मद्देनजर प्रशासन ने जिला के लगभग 60 प्रतिष्ठान जिनमें निजी व सरकारी स्कूल, धर्मशाला व चौपालें को सूचीबद्ध किया है। इसमेंतावडू के राजकीय उच्च विद्यालय पढ़ेनी व खरखड़ी, मिडिल स्कूल सबरस, ब्वॉयज व गर्ल्स स्कूल तावडू, जीपीएस पटेलनगर, सैनीपुरा व जटवाड़ा मोहल्ला, आरोही पब्लिक स्कूल, मेवात मॉडल स्कूल, स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल, चंद्रवती स्कूल, हिद हाई स्कूल, ग्रीन डेल्ज स्कूल, जीसी स्कूल, जनता स्कूल, स्प्रिंग डेजी स्कूल, एमएसडी स्कूल, महाराजा अग्रसेन धर्मशाला व लेडी डॉ. प्रेम सुशील धर्मशाला शामिल है। ग्राम पंचायतों व नगरपालिकाओं ने प्रशासन को यहां ठहरने की व्यवस्था और क्षमता से भी अवगत कराया है। प्रशासन ने इन स्थलों का मुआयना भी कर लिया है। नपा प्रशासन ने बताया कि सोमवार की शाम 13 मजदूरों को पटोदी रोड स्थित अंबेडकर भवन में बने रैन बसेरा में ठहराया गया है। उन्हें लॉकडाउन के बारे में विस्तार से समझाया भी गया है।