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जमीन अलॉटमेंट में गड़बड़ी पर आइएएस सहित 10 पर केस दर्ज

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा सेक्टर-56 स्थित एक अस्पताल के लिए गलत तरीके से साइट अलॉटमेंट के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्वनी कुमार मेहता की अदालत के आदेश पर सेक्टर-14 थाना पुलिस ने तत्कालीन हुडा प्रशासक एवं दो संपदा अधिकारी सहित 10 के खिलाफ मंगलवार शाम मामला दर्ज कर लिया। अदालत ने सोमवार को आरटीआइ कार्यकर्ता हरींद्र धींगड़ा की याचिका पर सुनवाई करते आदेश जारी किया था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 08:01 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 06:14 AM (IST)
जमीन अलॉटमेंट में गड़बड़ी पर आइएएस सहित 10 पर केस दर्ज

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा सेक्टर-56 स्थित एक अस्पताल के लिए गलत तरीके से साइट अलॉटमेंट के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्वनी कुमार मेहता की अदालत के आदेश पर सेक्टर-14 थाना पुलिस ने तत्कालीन हुडा प्रशासक एवं दो संपदा अधिकारियों सहित 10 के खिलाफ मंगलवार शाम मामला दर्ज कर लिया।

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अदालत ने सोमवार को आरटीआइ कार्यकर्ता हरींद्र धींगड़ा की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया था। याचिका के मुताबिक एचएसवीपी ने 1997 में दिल्ली के ग्रेटर कैलाश निवासी एक महिला डॉक्टर के नाम पर सेक्टर-56 में नर्सिंग होम के लिए अलॉट किया था। इसके बाद वर्ष 2002 में डॉक्टर ने एक कंपनी बनाई। उन्होंने अपनी कंपनी के सभी शेयर 2006 में दो निदेशकों के नाम कर दिए। कुछ ही महीने बाद दोनों ने कंपनी दो अन्य लोगों के नाम कर दी। 2006 में ही कन्वेएंस डीड भी करा दी गई थी। नियमानुसार सात साल के भीतर प्लॉट पर निर्माण करना होता है। ऐसा नहीं करने पर प्लॉट जब्त करने का प्रावधान है।

शिकायत है कि समय-सीमा के भीतर निर्माण न करने के बाद भी प्लॉट जब्त नहीं किया गया। यही नहीं प्लॉट के साइज को घटाकर साल 2015 के दौरान अलॉटी को फिर से पजेशन लेटर जारी कर दिया गया। आरटीआइ कार्यकर्ता हरींद्र धींगड़ा का आरोप है कि मिलीभगत कर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया गया। निर्माण कार्य में 10 साल से अधिक समय की देरी की गई। इस तरह करोड़ों रुपये की पेनल्टी से अलॉटी को बचाया गया। मामला महिला डॉक्टर एवं उनकी बनाई कंपनी के खिलाफ भी दर्ज किया गया है। इस बारे में तत्कालीन हुडा प्रशासक का कहना है कि मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। उन्हें बदनाम करने के लिए ऐसा किया गया है।


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