ट्रैफिक नियम हुए सख्त तो प्रदूषण केंद्र की ओर बढ़े कदम
ऐसा लग रहा है कि साइबर सिटी के लोगों के बीच प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने की प्रतियोगिता चल रही है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: ऐसा लग रहा है कि साइबर सिटी के लोगों के बीच प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने की प्रतियोगिता चल रही है। शहर स्थित लगभग 40 प्रदूषण जांच केंद्रों पर बीते दो दिनों में 6,000 से अधिक लोगों ने अपने प्रमाण पत्र बनवाए हैं। पेट्रोल पंपों के पास स्थिति हर प्रदूषण जांच केंद्र पर वाहन चालकों की लंबी कतार लगी हुई है। सर्वर की स्पीड कम होने से लोगों को इसके लिए काफी समय लग रहा है। प्रमाण पत्र को बनवाने के लिए आने वालों में दोपहिया और ऑटो चालकों की संख्या 80 फीसद है।
नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद लोग सख्ती से नियमों का पालन करने लगे हैं। इसका नजारा गुरुग्राम के विभिन्न प्रदूषण जांच केंद्रों पर साफ दिखाई दे रहा है। दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे की सर्विस लेन स्थित पेट्रोल पंप के पास मौजूद जांच केंद्र प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाने के लिए बड़ी संख्या में वाहन चालक अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। यहां मौजूद बाइक चालक सुरदीप ने बताया कि वह कभी कभार ही प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवाते थे। अब नए ट्रैफिक नियम के लागू होने के बाद इसके लिए जुर्माने की राशि दस हजार कर दी गई है। इसीलिए यह बनवाना जरूरी हो गया है। प्रदूषण जांच केंद्र पर मौजूद कर्मचारियों का कहना है कि एक सितंबर की दोपहर से ही वाहन चालकों की प्रमाण पत्र के लिए लंबी लाइन लगनी शुरू हो गई थी जो लगातार जारी है।
सेक्टर-46 स्थित एक पेट्रोल पंप के प्रदूषण केंद्र पर प्रमाण पत्र बनवाने पहुंचे तुषार मनचंदा कहते हैं कि उन्हें दोपहर को ट्रैफिक पुलिस के एक जवान ने रोक लिया था। यह अच्छा हुआ कि उसने ड्राइविग लाइसेंस ही देखकर छोड़ दिया। इसके बाद वह तुरंत प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाने पहुंच गए। प्रदूषण जांच केंद्रों पर लोगों को 30 से 35 मिनट का समय लग रहा है। ऑटो चालक राधेश्याम बताते हैं कि वह नियमित रूप से प्रमाण पत्र बनवाते हैं। इस बार प्रमाण पत्र की अवधि तीन दिन बाद खत्म होने से पहले ही वह इसे बनवाने आ गए हैं। सिर्फ प्रदूषण के मामले में ही नहीं लोग यातायात से संबंधित हर नियम का पालन करते दिख रहे हैं।