किसी भी मामले को हाईप्रोफाइल नहीं माना : जस्टिस धींगड़ा
आदित्य राज, गुड़गांव कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की रियल एस्टेट कंपनी से
आदित्य राज, गुड़गांव
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की रियल एस्टेट कंपनी से संबंधित जमीन खरीद-फरोख्त मामले की जांच करने वाले जस्टिस (रिटा.) एसएन धींगड़ा कहते हैं कि उन्होंने जीवन में किसी भी मामले को हाईप्रोफाइल नहीं माना। यही वजह है कि बड़े-बड़े मामलों की जांच के दौरान भी कभी दबाव महसूस नहीं किया।
दैनिक जागरण से बातचीत में जस्टिस धींगड़ा ने कहा कि जांचकर्ता को किसी भी मामले को हाईप्रोफाइल मानकर नहीं चलना चाहिए। जांच करनेवालों के लिए हर मामले महत्वपूर्ण होते हैं। भले ही लोगों को लग रहा होगा कि धींगड़ा आयोग राबर्ट वाड्रा की कंपनी से जुड़े हाईप्रोफाइल मामले की जांच कर रहा है लेकिन उनके लिए यह एक सामान्य जमीन खरीद-फरोख्त मामले की जांच थी। इससे पहले बड़े-बड़े मामलों में फैसले सुनाए। संसद भवन पर हमले के दोषी अफजल गुरु को सजा सुनाई। दाऊद इब्राहिम से जुड़े लोगों को सजा सुनाई। पूर्व केंद्रीय मंत्री एचकेएल भगत एवं पूर्व केंद्रीय कल्पनाथ राय से संबंधित मामलों को देखा। इनके अलावा भी काफी बड़े मामले हैं, जिनमें सजा सुनाई। इन मामलों से बड़ा मामला जमीन खरीद-फरोख्त मामला नहीं है।
ईमानदारी से निष्पक्ष तरीके से काम
जस्टिस धींगड़ा कहते हैं कि वह पूरी ईमानदारी व निष्पक्ष तरीके से काम करने में विश्वास रखते हैं। इस वजह से उन्हें कभी भी किसी भी मामले की जांच में दिक्कत नहीं आई। बता दें कि गुड़गांव जिले के गांव शिकोहपुर में राबर्ट वाड्रा की रियल एस्टेट कंपनी ने जमीन खरीदने के बाद एक नामी रियल एस्टेट कंपनी से ऊंची कीमत पर बेच दी थी। मामले की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने जस्टिस (रिटा.) एसएन धींगड़ा की अध्यक्षता में धींगड़ा आयोग का गठन किया। कार्यकाल 30 जून को खत्म हो रहा है। आयोग ने जांच पूरी कर ली है।