फरवरी में आयोजनों के विरोध में उतरे शिक्षक
जागरण संवाददाता, गुड़गांव विद्यार्थियों की परीक्षाएं शुरू होने को हैं। बोर्ड परीक्षाएं भी सिर पर ह
जागरण संवाददाता, गुड़गांव
विद्यार्थियों की परीक्षाएं शुरू होने को हैं। बोर्ड परीक्षाएं भी सिर पर हैं लेकिन सरकार एक के बाद एक कार्यक्रमों को आयोजित करवाने के शेड्यूल बना रही है। यह बात विद्यार्थियों, अभिभावकों व अध्यापकों को नागवार गुजर रही है।
अध्यापकों का कहना है कि परीक्षाओं में समय बेहद कम बचा है, ऐसे में विद्यार्थियों को पढ़ाएं या आयोजन करवाएं। उनका कहना है कि पहले तो सरकार इस तरह के आयोजन करवाती है और पढ़ाने का समय नहीं देती, परिणाम खराब आते हैं तो दोष अध्यापकों पर मढ़ा जाता है।
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने फरवरी मे विभाग द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों का विरोध करना शुरू कर दिया है। संघ के राज्य सचिव सत्यनारायण यादव ने कहा कि यदि स्कूलों में यह कार्यक्रम करवाएंगे तो विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे कब। उन्होंने कहा कि जनवरी पूरा अवकाश मे चला गया, 25 दिसंबर से 10 जनवरी तक अवकाश पर रहे, फिर 24 जनवरी तक अध्यापक चुनाव में व्यस्त रहे, 26 जनवरी के आयोजन में स्कूल व्यस्त रहे। सर्दी के कारण 27 से 31 जनवरी तक छुट्टिया रहीं। अब फरवरी मे पढ़ाई जब सुचारू रूप से होने लगी तो फिर फरमान आने से पढ़ाई में रुकावट होती नजर आ रही है, जबकि आठ मार्च से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हैं। इससे पता चलता है कि सरकार पढ़ाई को लेकर कितनी गंभीर है। नए सर्कुलर के मुताबिक फरवरी में स्कूलों मे हमारी पंचायत-हमारी अतिथि, हैंड वाश डे, एमडीएम उत्सव, कन्या का जन्मदिन, तिथि भोज, पीटीएम जैसे कार्यक्रम करवाए जाने हैं। दूसरी ओर इसी माह मे अध्यापकों को एमआइएस का कार्य अपने स्तर पर करवाने के लिए परेशान किया जा रहा है, जबकि अध्यापकों की नियुक्ति, पदोन्नति, स्थानांतरण संबंधी सभी जानकारी पहले से ही विभाग के पास है तो विभाग अपने स्तर पर यह कार्य करे। क्योंकि सभी स्कूलों में कंप्यूटर व नेट की सुविधा नहीं है तथा सभी अध्यापक कंप्यूटर में प्रशिक्षित नहीं हैं, जिस वजह से अध्यापक साइबर कैफे पर धक्के खा रहे हैं। अध्यापक संघ मांग करता है कि आगामी परीक्षाओं तक सभी प्रकार के गैर शैक्षणिक कायरें को बंद किया जाए ताकि विद्यार्थियों को निश्चिंत होकर पढ़ाया जा सके।