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लीड..उद्योग : केएमपी एक्सप्रेस-वे में देरी से पिछड़ा औद्योगिक विकास

जागरण संवाददाता, गुड़गांव: केएमपी एक्सप्रेस-वे के निर्माण में देरी औद्योगिक विकास पर भारी पड़ने लगी

By Edited By: Published: Sun, 21 Dec 2014 05:47 PM (IST)Updated: Sun, 21 Dec 2014 05:47 PM (IST)

जागरण संवाददाता, गुड़गांव: केएमपी एक्सप्रेस-वे के निर्माण में देरी औद्योगिक विकास पर भारी पड़ने लगी है। मानेसर से आगे औद्योगिक विकास जितनी तेजी से बढ़ना चाहिए, नहीं बढ़ रहा है। समय पर यदि निर्माण हो जाता तो मेवात, सोहना एवं पलवल की पहचान भी औद्योगिक क्षेत्र के रूप में होती।

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औद्योगिक विकास को गति देने एवं ट्रैफिक जाम की समस्या से आसपास के इलाके को निजात दिलाने के लिए केएमपी एक्सप्रेस वे (कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे) के निर्माण की योजना कई वर्ष पहले बनाई गई थी। योजना के अनुरूप वर्ष 2007 में काम शुरू हुआ। इसे जुलाई 2009 के दौरान पूरा होना था। इसके बाद निर्माण कंपनी को कई बार एक्सटेंशन दिया गया, लेकिन अब तक 50 फीसद काम बाकी है। पिछले कुछ समय से निर्माण कार्य पूरी तरह बंद है। एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ कई किलोमीटर तक औद्योगिक इकाइयां विकसित करने की योजना है। इसके बनने से सबसे अधिक फायदा यह होगा कि जो व्यवसायिक वाहन दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेस वे से होकर गुजर रहे हैं वे बाहर-बाहर दिल्ली पहुंच जाते और दिल्ली से बाहर-बाहर ही मानेसर, मेवात, सोहना, पलवल सहित कई इलाकों में पहुंच जाते। उद्यमियों का मानना है कि केएमपी एक्सप्रेस वे के निर्माण में देरी से गुड़गांव का औद्योगिक विस्तार लगभग ठप है। खासकर मानेसर एवं सोहना इलाके का विस्तार कई वर्ष पीछे चला गया। अब तक मेवात एवं पलवल का इलाका कुछ और ही दिखाई देता। आज स्थिति यह है कि मानेसर से दिल्ली पहुंचने के लिए कई बार घंटों लग जाता हैं, क्योंकि ट्रैफिक जाम की समस्या गंभीर है। गुड़गांव से ही मानेसर जाने के लिए लोग पहले दस बार सोचते हैं। एनसीआर चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के प्रेसिडेंट एचपी यादव कहते हैं कि केएमपी एक्सप्रेस वे का निर्माण समय पर न होने से न केवल गुड़गांव बल्कि औद्योगिक विकास के मामले में प्रदेश कई वर्ष पीछे चला गया। शुरू से ही इस प्रोजेक्ट को हल्के में लिया गया। न ही शासन ने और न ही प्रशासन ने इस दिशा में गंभीरता दिखाई। इसका सबसे अधिक खामियाजा गुड़गांव एवं मेवात उठा रहा है। प्रदेश की नई सरकार इस दिशा में सक्रियता दिखाए अन्यथा मानेसर एवं सोहना के इलाके में औद्योगिक विकास पूरी तरह ठप हो जाएगा।

इलाके के लोगों का अरमान अधूरा

केएमपी एक्सप्रेस वे का निर्माण शुरू होने से आसपास के गांवों के लोगों में खुशी का ठिकाना नहीं था। लोगों को उम्मीद थी कि उन्हें रोजगार के नए-नए अवसर प्रदान होंगे। मानेसर निवासी रमेश यादव कहते हैं कि निर्माण में देरी से न केवल औद्योगिक विकास की रफ्तार कम हो गई बल्कि आसपास के गांवों का विकास भी कई वर्ष पीछे चला गया। लोगों ने इसी उम्मीद पर जमीन दी थी कि रोजगार मिलेंगे। सरकार जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा कराए।

निर्माण के लिए प्रदेश सरकार गंभीर

''कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे का निर्माण पूरा कराने के लिए प्रदेश सरकार गंभीर है। इस दिशा में मुख्यमंत्री कई बार संबंधित विभागों के साथ बैठक कर चुके हैं। जल्द ही सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगेंगे। यह सही है कि यदि समय पर निर्माण पूरा हो जाता तो आज संबंधित इलाकों की तस्वीर कुछ अलग होती। जो विकास कई वर्ष पहले होना था वह अब कई वर्ष आगे खींच गया है।''

-पीके गुप्ता, मुख्य सचिव, हरियाणा।


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