श्रमिकों की सुरक्षा से हो रहा खिलवाड़
जागरण संवाददाता, गुड़गांव : श्रमिकों की सुरक्षा से अधिकांश निर्माण कंपनियां खिलवाड़ कर रही हैं। बिना प्रशिक्षित किए ही काम पर श्रमिक भेज दिए जाते हैं। यही नहीं सुरक्षा से जुड़े उपकरण उपलब्ध कराने में भी लापरवाही बरती जा रही है। यही वजह है कि निर्माण क्षेत्र में मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं।
गुड़गांव व आसपास सैकड़ों निर्माण कार्य चल रहे हैं। इनमें हजारों श्रमिक काम करते हैं। नियमानुसार निर्माण कार्यो पर श्रमिकों को लगाने से पहले प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। प्रशिक्षण के बाद उन्हें सुरक्षा से संबंधित उपकरण उपलब्ध कराने चाहिए। इन विषयों पर अधिकांश कंपनियां अभी भी ध्यान नहीं दे रही हैं। इस पर नजर रखने की जिम्मेदारी श्रम विभाग के औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य निदेशालय की है। प्रदेश सरकार की ओर से यह भी निर्देश है कि निदेशालय भी अपने स्तर पर समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करे। स्थिति यह है कि साल में गिनती के ही प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। प्रशिक्षित नहीं होने की वजह से ही श्रमिक दुर्घटना के शिकार होते हैं। अब तक निर्माण क्षेत्र में डेढ़ सौ से अधिक मौत हो चुकी है। श्रमिकों को पता ही नहीं होता है कि काम किस तरह करना है। उन्हें किस प्रकार की सावधानी बरतनी है।
इन विषयों पर ध्यान देना आवश्यक
खुदाई कभी भी सीधी नहीं करनी चाहिए, मिट्टी को चारों तरफ से फट्टी से घेरना चाहिए, ऊंचाई पर काम करते वक्त सेफ्टी बेल्ट व हेलमेट का होना आवश्यक है, ऊंचाई पर काम करने के दौरान नीचे नेट का होना भी आवश्यक है आदि कई विषयों पर निर्माण कंपनियां ध्यान नहीं दे रही हैं।
''ऐसा नहीं है कि निर्माण कंपनियां जागरूक नहीं हुई हैं। जागरुकता की वजह से ही दुर्घटना में कमी आई है। कई बार श्रमिक भी सुरक्षा उपकरणों का उपयोग नहीं करते हैं। जहां तक निदेशालय का प्रश्न है तो प्रबंधन को जागरूक करने के लिए समय-समय पर सेमिनार आयोजित किए जाते हैं। आगे प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि वह श्रमिकों को प्रशिक्षित करे।''
-एएस देसवाल, उपनिदेशक, औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य निदेशालय