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आत्मसम्मान के लिए चूल्हा-चौका छोड़ शिविर में पहुंची महिलाएं

संवाद सूत्र, टोहाना: मौजूदा हालात में जहां छात्राओं व कामकाजी महिलाओं को सजग होने की जरुर

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Feb 2018 03:01 AM (IST)Updated: Mon, 12 Feb 2018 03:01 AM (IST)
आत्मसम्मान के लिए चूल्हा-चौका छोड़ शिविर में पहुंची महिलाएं

संवाद सूत्र, टोहाना: मौजूदा हालात में जहां छात्राओं व कामकाजी महिलाओं को सजग होने की जरुरत है। वहीं घरेलू महिलाओं को भी आत्मरक्षा के लिए सबल होना उतना ही आवश्यक हैं। इसी उद्देश्य को लेकर दैनिक जागरण द्वारा बजरंग मॉडल स्कूल के निदेशक विनय वर्मा के निर्देशन में आयोजित तीन दिवसीय आत्म रक्षा शिविर के अंतिम दिन घरेलू व ग्रामीण महिलाओं ने आत्मरक्षा के गुर सीखे। ¨प्रसिपल अंजू वर्मा ने महिलाओं को जहां अपनी रक्षा स्वयं करने के लिए प्रेरित किया वहीं आपात स्थिति में पड़ोसियों की भी मदद करने का आह्वान किया। उन्होंने उपस्थित महिलाओं को कपड़ा व सामान आदि बेचने वालों को अपने घर के अंदर ना बिठाने की सलाह दी। वहीं हाथ देखने वाले पाखंडी बाबाओं के भ्रम जाल में न फंसने के लिए सतर्क किया। उन्होंने कहा कि कई बार भीख मांगने वाले घर में प्रवेश कर वहां की रैकी कर लेते है और अगले ही दिन वह चोरी व लूट की वारदात को अंजाम देते है। इससे न केवल जान का खतरा बन जाता है वहीं कीमती सामान का भी नुकसान हो जाता हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी के घर में असामाजिक व्यक्ति घुसकर उन्हें नुकसान पहुंचाने का काम करें तो जैसे ही उन्हें शक हो तो वह गली-मोहल्ले में शोर मचाये ताकि वह वारदात को अंजाम देने से पहले ही भाग जाए। वहीं अकेले व्यक्ति को गली की महिलाएं भी काबू कर पुलिस के हवाले कर सकती है।

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--महिलाओं में शक्ति, दिमाग व बहादुरी की कोई कमी नहीं है। इसलिए हमें अपने पड़ोस में कोई वारदात के बारे में पता लगे तो उसी समय महिला पुलिस हेल्पलाईन को सूचना देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि वह पांच बार सरपंच रह चुकी है। गांव में जब कोई शराब पीकर महिला को तंग करता या कोई महिलाओं पर अत्याचार की बात होती तो वह उसका विरोध करते हुए व्यक्तियों को भी लताड़ लगाने से नहीं डरती थी।

शांति देवी, बुजुर्ग महिला

--महिलाओं को आपस में दुख-सुख में काम आना चाहिए। वहीं किसी आफत के समय हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए। यह नहीं कि किसी पर जुल्म हो रहा है उसे छुप कर देखती रहे बल्कि हमें जैसा भी उससे निजात दिलाने में सहयोग करना चाहिए। अगर किसी महिला के साथ वारदात हो रही है तो हमें भी उसकी सहायता करने के लिए आगे आना चाहिए।

भतेरी देवी, महिला

--महिलाओं को आज के समय में जागरूक होकर रहने की आवश्यकता है। जिसके लिए हमें एकजुट होकर अपराधिक प्रवृतियों का मुकाबला करना होगा। वहीं स्वयं भी निडर होकर हम ऐसे असामाजिक तत्वों पर नकेल डालने का काम कर सकती है। इंसान की सोच बदल चुकी है। इसलिए हमें एक जुट होकर इस मतलबी इंसान की दिशा बदलनी होगी।

-बलजीत कौर, गृहिणी

--आज अपने बच्चों को घर में जागरूक कर हमें स्वयं भी आत्म रक्षा के लिए प्रशिक्षित होना चाहिए। तभी हम समाज में नारी शक्ति का सम्मान बनाए रखने में अपना योगदान दे सकती हैं। हम सभी महिलाओं को चाहिए वे अपने घर में ही अपनी बेटियों व अन्य महिलाओं को ये गुर सिखाए। अगर ऐसा कर पाने में हम सफल हो गई तो हमारी बेटी घर पर सकुशल

लौटेगी।

-अनिता शर्मा, गृहिणी

--महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर ही अपना व दूसरों का भला कर सकती हैं। आज हमें अपने बच्चों के साथ-साथ खुद भी अपने को मजबूत बनाना होगा। तभी हम अपनी व अपने बच्चों की रक्षा कर सकती हैं। दैनिक जागरण ने जो प्रयास किया है वह शानदार है। इस तरह के कार्यक्रम समय समय पर आयोजित होते रहने चाहिए। तभी महिलाओं में जागरूकता आएगी।

- सीमा

--समाज में अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं। जिसके लिए नारी शक्ति को जागने की आवश्यकता है। जब नारी शक्ति पूरी तरह से जागरूक हो गई तब न केवल उनपर दिन प्रतिदिन होने वाले अत्याचारों पर लगाम लगेगी। वहीं असामाजिक तत्वों पर भी अंकुश लग सकेगा।

--मीनू शर्मा

--महिलाएं आज हर किसी से किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से आगे है। इसलिए हमें अपनी व दूसरों की सुरक्षा को लेकर प्रयास करने चाहिए। वहीं हमें एक-दूसरे को मुसीबत के समय काम आना चाहिए। हम सभी महिलाओं को दिखाना होगा कि नारी शक्ति सबसे बड़ी शक्ति है। समय पड़ने पर देवी दुर्गा का भी रूप ले सकती है।

-सेवा वर्मा

--महिलाएं घर से बाहर निकलने में भी शर्माती थी लेकिन आज महिलाओं ने खूब पढ़ाई कर देश व विदेश में अपना नाम कमाया हैं। इसलिए महिलाओं को भी एकजुट होकर उनपर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। हमारी बेटियों को घर पर नहीं बैठाना चाहिए बल्कि उसे अच्छी शिक्षा दिलवाने का प्रयास करें।

-जसवीर कौर, महिला

--आज महिलाओं को अपनी रक्षा को लेकर जागरूक होने की आवश्यकता है। कहीं बार महिलाएं अपनों पर ही विश्वास कर अत्याचारों का शिकार बन जाती हैं। वहीं किसी लालचवश अपने कीमती सामान व इज्जत तक का नुकसान कर बैठती है। इसलिए उन्हें जागरुक होना आज सबसे बड़ी जरुरत है। उन्होंने दैनिक जागरण द्वारा चलाये जा रहे आत्म रक्षा के शिविरों के माध्यम से नारी शक्ति को जागरूक करने के प्रयासों की सराहना की।

- रामलाल शर्मा, पुलिस सब इंस्पेक्टर व पर्वतारोही

--दैनिक जागरण द्वारा आयोजित तीन दिवसीय शिविर से ना केवल छात्राओं बल्कि अध्यापिकाओं व गृहणियों में भी जागरूकता का संचार हुआ है। वहीं वह स्वरक्षा को लेकर भी काफी उत्साहित हुई हैं। उन्होंने दैनिक जागरण द्वारा महिलाओं व नारी शक्ति के लिए चलाई जा रही इस मुहिम की सराहना की वहीं दैनिक जागरण टीम का आभार जताया। वहीं विश्वास भी दिलाया कि वह हमेशा ही दैनिक जागरण द्वारा चलाये जा रहे अभियान में अपना भरपूर सहयोग देते रहेंगे।

-अंजू वर्मा, ¨प्रसिपल, बजरंग मॉडल स्कूल, टोहाना।


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