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प्रदेश सरकार ने फेडरेशन के मार्फत किसानों का ब्याज हड़पा : व्यापार मंडल

जागरण संवाददाता फतेहाबाद प्रदेश सरकार किसान व आढ़ती के रिश्ते खराब करने के लिए पिछ

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 08:01 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 08:01 AM (IST)
प्रदेश सरकार ने फेडरेशन के मार्फत किसानों का ब्याज हड़पा : व्यापार मंडल
प्रदेश सरकार ने फेडरेशन के मार्फत किसानों का ब्याज हड़पा : व्यापार मंडल

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : प्रदेश सरकार किसान व आढ़ती के रिश्ते खराब करने के लिए पिछले पांच साल से साजिश रच रही है। अब उसी साजिश को कामयाब करने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग से नोटिस जारी करवा कर ब्याज वापस देने निर्देश दिए जा रहे हैं। जबकि ब्याज हजम तो सरकार के चहेते बड़े अधिकारी फेडरेशन बनाकर कर गए। यह आरोप फतेहाबाद व्यापार मंडल के प्रधान सुभाष मुंजाल, प्रेस प्रवक्ता गुरदीप अमृतसरिया ने लगाए। उन्होंने अनाज मंडी में स्थित व्यापार मंडल के कार्यालय में प्रेसवार्ता की। इस दौरान पदाधिकारी रमेश तनेजा बब्बी, संतलाल मेहता, सुरेश बुढलाडिया, विजय कक्कड़ सहित अनेक व्यापारी मौजूद थे। व्यापारियों ने बताया कि सरकार ने गेहूं खरीद सीजन शुरू होने से पहले एक लेटर जारी कर सभी आढ़तियों को निर्देश दिए कि वे अपने बैंक खाते निजी बैंक में खुलवाए। जिसका आढ़तियों ने विरोध करते हुए हड़ताल की। जब व्यापारियों ने निजी बैंकों में खाते नहीं खुलवाए तो एकाएक आदेश दिए कि किसानों का भुगतान ई-पोर्टल से मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल से किया जाए, जिनके बारे में आज तक न तो विभाग समझ पाया न आढ़ती। आढ़ती यही समझते रहे कि किसानों को सीधा सरकार भुगतान करेगी, लेकिन जब आढ़तियों के खाते में रकम आई तो उन्होंने चेक औैर आरटीजीएस से उनका भुगतान करना शुरू कर दिया। फिर आदेश मिला कि आढ़ती सीधे रकम अदा नहीं करेंगे। यह रकम आढ़ती हरियाणा स्टेट को-ऑपरेटिव सप्लाई मार्केटिग फेडरेशन के माध्यम से होगी। इस पर आढ़तियों ने किसानों से फिर आरटीजीएस और चेक से पेमेंट वापस लेकर फेडरेशन को दी गई और फिर फेडरेशन ने भुगतान किया। ऐसे में फेडरेशन ने किसानों की पेमेंट से ब्याज हड़पा है। जबकि आरोप सरकार व्यापारियों पर लगा रही है। जबकि हकीकत में सरकार के उच्चाधिकारी फेडरेशन बनाकर पूरे प्रदेश का अरबों रुपयों का ब्याज हजम कर गए। फेडरेशन में कौन शामिल थे, यह जानकारी अभी तक गुप्त है। व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने बताया कि गेहूं की दामी यानी कमिशन के रुपये आढ़तियों को अभी तक नहीं मिले। गत सप्ताह लेबर की मजदूरी के रुपये जारी हुए। केंद्र व प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए व्यापार मंडल व किसान संगठन गांव स्तर पर साझा कार्यक्रम आयोजित करेंगे।

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