ग्रामीणों ने लगाई दूध की छबील, साथ में खिलाई खीर
: गांव बंद आंदोलन को लोगों का भारी समर्थन मिल रहा है। कोई भी किसान अपने
संवाद सूत्र, रतिया : गांव बंद आंदोलन को लोगों का भारी समर्थन मिल रहा है। कोई भी किसान अपने खाद्य पदार्थ शहर में नहीं ले जा रहा हैं। दूध विक्रेताओं ने दस दिन तक दूध देने से इंकार किया हुआ है। ज्यादातर गृहणियां दूध का प्रयोग अपने घरों में ही कर रही हैं। ग्रामीणों ने दूध की छबील और खीर के लंगर लगा रखे हैं। कई गांवों में जरूरतमंदों को निशुल्क दूध बांटा जा रहा है। क्षेत्र में कहीं भी दूध को सड़कों पर नहीं उड़ेला गया है और न ही सब्जियों आदि को रास्तों पर बिखेरा गया है। जट्ट समाज सभा हरियाणा के प्रधान जरनैल ¨सह चहल, कोषाध्यक्ष इकबाल ¨सह खोखर, संरक्षक बलबीर ¨सह बाड़ा, नैब ¨सह मंडेर, ते¨जद्र ¨सह औजला, उप प्रधान टेक ¨सह चहल, जगमेल ¨सह, दरिया ¨सह भरपूर तथा जोन चेयरमैनों में राज¨वद्र ¨सह, चहल, कृष्ण ¨सह हड़ौली, हरपाल ¨सह अहरवां, बलदेव ¨सह दंदीवाल, रिछपाल ¨सह बबनपुर, दर्शन ¨सह गिल, बल¨वद्र ¨सह खोखर, जसबीर ¨सह, रणजीत ¨सह भानीखेड़ा, लख¨वदर ¨सह हड़ौली राजेश फूलां व राजीव चौधरी आदि समस्त सदस्यगण आंदोलन की सफलता के लिए किसानों के संपर्क में हैं। जट्ट समाज सभा हरियाणा द्वारा गांव बंद आंदोलन को समर्थन देने उपरांत गांव फुलां की पंचायत एवं ग्रामवासियों द्वारा एक जून से दस जून तक कोई भी खाद्य पदार्थ शहर में न ले जाने का निर्णय लेते हुए दस दिन तक गांव में ही दूध की छबील और खीर का लंगर चलाया जा रहा है। राजेश फगेड़िया ने बताया कि खाद्य पदार्थ का सदुपयोग करते हुए आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलते रहना चाहिए। हमें किसी के बहकावे में नहीं आना है और न ही राजनीति का शिकार होना है।